Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की इस सीट पर रहा है निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा

Delhi Assembly Election 2020 2008 में परिसीमन से पहले इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा रहा हालांकि इस बीच एक बार कांग्रेस के प्रत्याशी ने भी जीत का स्वाद चखा।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 31 Dec 2019 09:12 AM (IST) Updated:Tue, 31 Dec 2019 09:14 AM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की इस सीट पर रहा है निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा
Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की इस सीट पर रहा है निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली देहात बाहुल्य नजफगढ़ विधानसभा सीट के अब तक के परिणामों पर गौर करें तो यहां की जनता ने बारी-बारी से सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों को विजयी बनाया। कई बार तो प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के बजाय यहां के मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी पर भरोसा जताया और विजयी बनाया। इस सीट पर बारी बारी से कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीत दर्ज करा चुके हैं।

2008 में परिसीमन से पहले इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा रहा, हालांकि इस बीच एक बार कांग्रेस के प्रत्याशी ने भी जीत का स्वाद चखा। सबसे पहले 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार सूरज प्रसाद ने भाजपा उम्मीदवार रण सिंह को शिकस्त दी थी। इसके बाद 1998 में यहां कांग्रेस के कंवल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार जयकिशन शर्मा को हराया था। 2003 में एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। निर्दलीय उम्मीदवार रणबीर सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी कंवल सिंह को शिकस्त दी थी।

2008 में इस सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल के भरत सिंह ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार कंवल सिंह को हराया था। तब मुकाबले में तीसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार बिजेंद्र दत्त रहे थे, लेकिन 2013 में क्षेत्र की जनता ने भाजपा के उम्मीदवार अजीत खरखड़ी को विजयी बनाया। तब दूसरे स्थान पर इनेलो के उम्मीदवार भरत सिंह रहे थे। करीब 10 हजार मतों के अंतर से अजीत सिंह खरखड़ी ने जीत दर्ज की थी। उस वर्ष आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने यहां तीसरा स्थान प्राप्त किया था।

पिछली बार हुआ था कांटे का मुकाबला

2015 में इस सीट पर हुए मुकाबले में आम आदमी पार्टी व इनेलो के बीच कांटे की टक्कर हुई। आलम यह था कि मतगणना के दौरान कभी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश गहलोत तो कभी इनेलो के प्रत्याशी भरत सिंह बढ़त बना लेते थे। मतगणना केंद्र के बाहर मौजूद लोगों की दिलचस्पी सिर्फ यह जानने में थी कि नजफगढ़ सीट का क्या हाल है। आम आदमी पार्टी के तमाम समर्थक नजफगढ़ को छोड़कर अन्य सभी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे, लेकिन नजफगढ़ को लेकर कोई आश्वस्त नजर नहीं आता था। मतगणना केंद्र के बाहर हर किसी के चेहरे पर नतीजे को लेकर तनाव साफ नजर आता था। हर चक्र के बाद मिले नतीजों में मामूली फर्क को देखते हुए दोनों पक्ष इस बात की उम्मीद करते कि अगले राउंड में इस अंतर की भरपाई हो जाएगी। लेकिन अंतिम तीन राउंड के बीच आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश गहलोत ने बढ़त कायम रखी। अंत में कैलाश गहलोत ने 1555 मतों के अंतर से बाजी मार ली। आज वह दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। 

chat bot
आपका साथी