छत्तीसगढ़ में संदिग्धों को दबोचने के लिए क्राइम यूनिट के साथ स्पेशल टीम

शहर में ऐसा पहली बार होगा जब स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ संवेदनशील जगहों पर आन द स्पाट वेरिफिकेशन अभियान चलाएगी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 09:46 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 09:58 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में संदिग्धों को दबोचने के लिए क्राइम यूनिट के साथ स्पेशल टीम
छत्तीसगढ़ में संदिग्धों को दबोचने के लिए क्राइम यूनिट के साथ स्पेशल टीम

रायपुर, राज्य ब्यूरो। शहर में बाहर से आकर डेरा जमाने वाले संदिग्ध चेहरों की तलाश के लिए रायपुर पुलिस ने खास प्लान तैयार किया है। रैपिड एक्शन फोर्स के लगातार फ्लैग मार्च करने के बाद संयुक्त रूप से जांच पड़ताल के लिए स्पेशल यूनिट बनाई है। क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम के साथ यह यूनिट संवेदनशील जगहों में जाकर बाहरी लोगों की तस्दीक करेगी। फिर उनका रिकार्ड खंगालने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शहर में ऐसा पहली बार होगा जब स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ संवेदनशील जगहों पर आन द स्पाट वेरिफिकेशन अभियान चलाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा ने चुनाव के मद्देनजर शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए नई व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। डीएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी के मुताबिक स्पेशल यूनिट तैयार की जा रही है। थाना स्तर पर संदिग्धों का नाम-पता दर्ज कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। संयुक्त टीम चिन्हांकित जगहों पर दबिश देगी।

लाखों एसएस रोल जारी, जवाब हजार के भी नहीं

जिले में अब तक लाखों की संख्या में एसएस रोल जारी किया जा चुका है, लेकिन जवाब मिलने की संख्या हजार से भी कम है। दूसरे राज्यों से आकर ज्यादार लोग फेरी कारोबार, ठेला-गुमटी, ऑटो रिक्शा आदि चला रहे हैं। हजारों लोग फैक्टरियों में मजदूरी कर रहे हैं। इनके बारे में समय पर जानकारी नहीं मिलती। विशेष अभियान के तहत एसएस रोल जारी किया जाता है, लेकिन अब व्यवस्था बदली जाएगी।

पुलिस की हिट लिस्ट में 25 ठिकाने

जिले में गुंडा बदमाश अभियान चलाने के साथ पुलिस अब बाहर से आकर डेरा जमाने वालों के बारे में छानबीन करेगी। आउटर के प्राइवेट व सरकारी आवासीय कॉलोनियों में ज्यादातर लोग निवासरत हैं। इन्हीं स्थानों पर प्राथमिकता से वेरिफिकेशन अभियान चलाया जाएगा। करीब 25 ठिकाने पुलिस की हिट लिस्ट में हैं।

डाटा बेस से वारंटियों की निगरानी आसान

एसएसपी ने दुर्ग की तर्ज पर रायपुर में भी वारंटियों का डाटा बेस सिस्टम बनाया है। कोर्ट से जानकारी लेकर वारंटियों की कुंडली कंप्यूटर सिस्टम में अपलोड की जा ही है। सात हजार से ज्यादा वारंटी निगरानी में आ चुके हैं। इससे फरार वारंटियों की स्थिति क्या है, तुरंत पता चलेगा। चकमा देने वालों का ब्योरा जुटाना आसान होगा।

क्या है एसएसरोल

पुलिस संदिग्ध लोगों के नाम-पते पर एसएस रोल यानी सस्पेक्ट सर्विस रोल जारी करती है। यह एक पत्र होता है, जिसमें उनकी पूरी जानकारी देनी होती है। यह संबंधित थानों के माध्यम से व्यक्ति के नाम-पते पर पहुंचता है और उन्हीं के माध्यम से यह जवाब आता है। इस जवाब को बैक कैरेक्टर रोल कहते हैं। थानों में पत्र व्यवहार की यह सालों पुरानी व्यवस्था है।

'हर साल थाना स्तर पर बाहर से आने वाले लोगों की तस्दीक के लिए एसएस रोल थोक में जारी होते हैं, लेकिन जिला पुलिस को जवाब समय पर नहीं मिल पाता। अब जगह तय कर एकाएक छापामारी अभियान चलाया जाएगा।' 

- अमरेश मिश्रा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

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