राजबब्बर फिर बोले, माओवादी भटके हुए क्रांतिकारी

चुनावी सभा की और रोडशो भी लेकिन राहुल ने नक्सलियों के मुद्दों पर कुछ नहीं बोला।

By Sandeep ChoureyEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 12:16 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 12:16 PM (IST)
राजबब्बर फिर बोले, माओवादी भटके हुए क्रांतिकारी
राजबब्बर फिर बोले, माओवादी भटके हुए क्रांतिकारी

रायपुर। कांग्रेस नेता राजबब्बर नक्सलियों पर दिए अपने बयान पर कायम दिखे। तीन नवंबर को राजबब्बर रायपुर आए थे। उस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने नक्सलियों को भटका हुआ क्रांतिकारी बताया था। उनके इस बयान से कांग्रेस असहज नजर आई तो राजबब्बर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की थी, कहा था-मेरा वह मतलब नहीं था, लेकिन शुक्रवार को राजबब्बर एक बार फिर रायपुर आए तो फिर से अपना बयान दोहरा दिए। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बोले-माओवादी भटके हुए क्रांतिकारी हैं। 15 सालों में डॉक्टर साहब (सीएम डॉ. रमन सिंह) न नब्ज पकड़ पाए, न इलाज कर पाए।

मोदी के हमले के बाद बयान दोहराया, राहुल साध गए चुप्पी

राजबब्बर ने ऐसे समय में अपना बयान दोहराया जब कुछ ही देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जगदलपुर की सभा में नक्सल मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला कर चुके थे। पीएम ने कहा था कि बस्तर के बच्चों को अर्बन नक्सली लड़ाई में झोंक रहे और अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ा रहे।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अर्बन माओवादियों से सहानुभूति का आरोप लगाया था। इधर राहुल गांधी भी छत्तीसगढ़ में थे। चुनावी सभा की और रोडशो भी लेकिन राहुल ने नक्सलियों के मुद्दों पर कुछ नहीं बोला।

नक्सल पर कांग्रेस का सॉफ्ट रुख या राजबब्बर की निजी राय

राजबब्बर ने जब पहली बार नक्सलियों को क्रांतिकारी बताया था और फिर बयान पर सफाई दी थी, तब राजनीतिक प्रेक्षक मान रहे थे कि शायद उनकी जबान फिसल गई होगी, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने जैसे सोची समझी रणनीति के तहत बयान दिया। कांग्रेस झीरम नरसंहार में अपने बड़े नेताओं को गंवा चुकी है। सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस जानबूझकर नक्सलवाद पर सॉफ्ट रुख दिखा रही है, या फिर यह राजबब्बर की निजी सोच भर है। इस पर भी बहस छिड़ गई है।

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