Chhattisgarh बस्तर से अर्द्धसैन्य बलों की वापसी नहीं होगी - मुख्यमंत्री

Chhattisgarh पीड़ितों समेत सभी पक्षों से बातचीत कर समस्या का समाधान निकालेगी सरकार।

By Hemant UpadhyayEdited By: Publish:Sun, 23 Dec 2018 08:30 PM (IST) Updated:Mon, 24 Dec 2018 07:58 AM (IST)
Chhattisgarh बस्तर से अर्द्धसैन्य बलों की वापसी नहीं होगी - मुख्यमंत्री
Chhattisgarh बस्तर से अर्द्धसैन्य बलों की वापसी नहीं होगी - मुख्यमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर से अर्द्धसैन्य बलों की वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिए पीड़ित आदिवासियों समेत सभी पक्षों से बात करेगी।

बघेल ने कहा कि नक्सल समस्या का हल बंदूक के जरिए नहीं किया जा सकता। यह सामाजिक, राजनीतिक समस्या है न कि केवल कानून व्यवस्था की। हमारी सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिए नई नीति तैयार करेगी। हमने चुनाव में जो वादे किए हैं उसे पूरा करेंगे।

बघेल ने कहा कि भाजपा की सरकार बंदूक के जरिए नक्सल समस्या को हल करना चाहती थी। इसका नतीजा यह हुआ पिछले 15 साल में नक्सल समस्या तीन विकासखंडों से बढ़कर राज्य के 15 जिलों तक फैल गई।

उन्होंने कहा कि अभी तुरंत अर्द्धसैन्य बलों को हटाना गलत होगा। जब तक नई नीति नहीं बन जाती अर्द्धसैन्य बल वहां बने रहेंगे। हम गैर आदिवासियों, व्यापारियों, पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों आदि सभी पक्षों से बात करेंगे और इस समस्या का पूरी तरह हल निकालने के लिए फार्मूला तय करेंगे। बस्तर में करीब 70 हजार अर्द्धसैन्य बल तैनात हैं। राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में अंदरूनी इलाकों में अर्द्धसैन्य बलों के कैंप खोले गए हैं।

झीरम में सुपारी किलिंग की गई

झीरम कांड की एसआईटी जांच के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वहां जिस तरह की वारदात हुई उसे देखकर लगता है कि कांग्रेस नेताओं की सुपारी किलिंग की गई। इस घटना के साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश कर उन्हें सजा दिलाई जाएगी। नक्सली कुछ नेताओं को मारना चाहते थे। इससे लगता है कि साजिश की गई। ज्ञात हो कि 25 मई 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियोें ने कांग्रेस के काफिले पर हमला किया था और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, कांग्रेस के बड़े नेता महेंद्र कर्मा समेत 32 लोगों को मार दिया था।  

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