Chhattisgarh Chunav 2018: वोटरों की खामोशी के बीच बढ़ी चुनावी चहलकदमी, राजनीतिक दलों ने लगाया जोर

Chhattisgarh Chunav 2018: सुबह गांव और फिर दोपहर से खेतों में ही मतदाता मिल रहे हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 11:57 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 11:57 PM (IST)
Chhattisgarh Chunav 2018: वोटरों की खामोशी के बीच बढ़ी चुनावी चहलकदमी, राजनीतिक दलों ने लगाया जोर
Chhattisgarh Chunav 2018: वोटरों की खामोशी के बीच बढ़ी चुनावी चहलकदमी, राजनीतिक दलों ने लगाया जोर

बेमेतरा, नईदुनिया प्रतिनिधि। जिले की बेमेतरा, साजा और नवागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में अब दूसरे चरण के चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। दिवाली के त्योहार और धान की फसल की कटाई के बीच मतदाता खामोश हैं। उनकी खामोशी से चिंतित राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपनी जीत के लिए चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश में हैं। इस कोशिश में अब तेजी आने लगी है।

अभी तक दिवाली का त्योहार प्रचार में आड़े आ रहा था और अब धान की फसल की कटाई का काम तेज हो गया है। इस कारण गांवों में मतदाताओं से मुलाकात करना प्रत्याशियों के लिए टेढ़ा काम है। सुबह गांव और फिर दोपहर से खेतों में ही मतदाता मिल रहे हैं। अपने पक्ष में जीत के लिए राजनीतिक दलों के बड़े प्रचारकों की चुनावी सभाओं का दौर शनिवार से प्रारंभ हो चुका है।

साजा में भाजपा के पक्ष में एक सभा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ली, वहीं 11 नवंबर को कांग्रेस के पक्ष में फिल्म स्टार व कांग्रेस नेता राजबब्बर की सभा होगी। इसके बाद 11 नवंबर को ही नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दाढ़ी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सभा होगी। प्रशासन ने सभाओं को देखते हुए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। साथ ही आदर्श आचरण संहिता पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।

नवागढ़ की आरक्षित सीट है और दो विधानसभा सीटों बेमेतरा व साजा में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। माना जाता है कि इनके रुख से ज्यादातर चुनाव के फैसले होते हैं। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी इस वर्ग को साधने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। यहां के सभी प्रत्याशी समर्थन मिलने का दावा कर रहे हैं, पर इसका फैसला तो मतदाताओं को ही करना है।

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