प्रत्याशियों को आपराधिक रिकॉर्ड की तीन बार देनी होगी जानकारी
उम्मीदवारों या फिर समर्थकों अपने प्रचार के लिए अखबारों व न्यूज चैनलों में विज्ञापन भी जारी किया जाता है।
बिलासपुर। आपराधिक रिकॉर्डधारी उम्मीदवारों पर भारत निर्वाचन आयोग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे प्रत्याशियों को एक नहीं तीन-तीन बार समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी।
उम्मीदवारों या फिर समर्थकों अपने प्रचार के लिए अखबारों व न्यूज चैनलों में विज्ञापन भी जारी किया जाता है। इसके लिए भी आयोग ने मापदंड तय कर दिए हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन देने से पहले संबंधित विज्ञापन का प्रमाणन कराना जरूरी कर दिया है।
चुनाव आयोग के निर्देशों के परिपालन के संबंध में कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी पी दयानंद ने विधानसभावार उम्मीदवारों की बैठक लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार को बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों की मीटिंग ली । इस दौरान उन्होंने ऐसे उम्मीदवार जिनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज है उनको आयोग के मापदंड के अनुसार समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में तीन दिन विज्ञापन प्रकाशित कराने के निर्देश दिए हैं।
खर्च की सीमा 28 लाख
विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को राहत देते हुए आयोग ने खर्च की सीमा बढ़ा दी है। 28 लाख स्र्पये उम्मीदवार अपने चुनाव में खर्च कर सकेंगे। चुनावी खर्च का हिसाब प्रत्येक तीन दिन में देना होगा। इसके लिए नामांकन फार्म के साथ उम्मीदवारों को व्यय पुस्तिका भी उपलब्ध कराई गई है।
इसी पुस्तिका में कैंपेनिंग के दौरान होने वाली खर्च की राशि की जानकारी देनी होगी। व्यय प्रेक्षक पुस्तिका का निरीक्षण करेंगे व आशंका की स्थिति में उम्मीदवारों से स्पष्टीकरण भी मागेंगे।