Bihar Election 2020: रोहतास के गढ़ पर बागियों की नजर, दलों से नाराज प्रत्‍याशी निर्दलीय ठोक रहे ताल

Bihar Assembly Election 2020 बिहार चुनाव के दौरान रोहतास जिले की सात सीटों पर बागी प्रत्‍याशी दलीय प्रत्‍याशियों के खले बिगाड़ने में लग गए हैं। एनडीए तथा महागठबंधन दोनों के लिए रोहतास के गढ़ को बागियों से बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 08:06 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 08:06 PM (IST)
Bihar Election 2020: रोहतास के गढ़ पर बागियों की नजर, दलों से नाराज प्रत्‍याशी निर्दलीय ठोक रहे ताल
साराराम स्थित शेरशाह का मकबरा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

रोहतास, ब्रजेश पाठक। Bihar Assembly Election 2020: रोहतास (Rohtas) जिले में विधानसभा की सात सीटें सासाराम, चेनारी, करगहर, दिनारा, काराकाट, डेहरी व नोखा हैं। इसके लिए कुल 116 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। यहां पहले चरण में 28 अक्टूबर को ही मतदान है। बीते चुनाव में महागठबंधन को छह जबकि एनडीए को महज एक सीट मिली थी। हालांकि, इस बार स्थिति अलग है। बगावत हावी है। महागठबंधन के दो विधायक जदयू का दामन थाम चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा टिकट कटने से नाराज कई प्रत्याशी भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। इस बार जदयू पांच व भाजपा दो सीटों पर जबकि महागठबंधन से राजद चार, कांग्रेस दो व भाकपा माले एक सीट पर चुनाव मैदान में हैं। लोजपा भी एनडीए से अलग होकर लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगी है। ऐसे में एनडीए व महागठबंधन दोनों के लिए बागियों से रोहतास के गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है।

सासाराम में त्रिकोणीय दिख रही लड़ाई

सासाराम विधानसभा क्षेत्र में इस बाDर 20 प्रत्याशी मैदान में हैं। पांच बार यहां से विधायक रहे भाजपा नेता जवाहर प्रसाद टिकट कटने से चुनावी परिदृश्य से गायब हैं। राजद के टिकट पर दो बार चुनाव जीते निवर्तमान विधायक अशोक कुमार इस बार तीर थाम कर मैदान में डटे हैं। वहीं राजद ने नए चेहरे राजेश कुमार गुप्ता को उनके मुकाबले मैदान में उतारा है। इधर, भाजपा से बागी होकर नोखा के पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया लोजपा के टिकट पर उतर गए हैं। वे वर्ष 2000, फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 व 2010 में नोखा से चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में यहां का मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं।

प्रमुख मुद्दे : रिंग रोड और सड़क जाम की गंभीर समस्या, पत्थर उद्योग।

सासाराम : 20 प्रत्याशी

जदयू : अशोक कुमार

राजद : राकेश कुमार गुप्ता

लोजपा : रामेश्वर प्रसाद चौरसिया

चेनारी में जदयू के दो बागी दे रहे चुनौती

नौहट्टा, रोहतास, चेनारी व शिवसागर प्रखंड के उत्तरी भाग को मिलाकर बना है चेनारी विधानसभा क्षेत्र। कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। यहां जदयू के दो बागी दूसरे दलों से प्रत्याशी बन गए हैं। 2015 के चुनाव में एनडीए की तरफ से रालोसपा प्रत्याशी ललन पासवान चुनाव जीते थे। इस बार वह जदयू के चेहरे के तौर पर मैदान में हैं। वे 2005 में जदयू के टिकट पर भी चुनाव जीत चुके हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू छोड़ राजद में शामिल हो चुनाव लड़ा था लेकिन सफलता नहीं मिली। तब रालोसपा में चले गए और विधायक बने। फिर वे जदयू का दामन थाम चुके हैं। उनका मुकाबला उप चुनाव में बाजी मार चुके कांग्रेस के मुरारी गौतम से है। वहींं लोजपा ने जदयू के टिकट पर दो बार मोहनिया से चुनाव लड़े चंद्रशेखर पासवान को टिकट दे लड़ाई को धारदार बना दिया है। जदयू के ही बागी पूर्व विधायक श्यामबिहारी राम बसपा से मैदान में हैं।

प्रमुख मुद्दे: वनवासियों को रोजगार, पहाड़ी गांव में बिजली-पानी और वन उत्पाद पर अधिकार

चेनारी : 15 प्रत्याशी

जदयू : ललन पासवान

कांग्रेस : मुरारी गौतम

लोजपा : चंद्रशेखर पासवान

बसपा :श्याम बिहारी राम

करगहर में आसान नहीं जीत की राह

2010 में अस्तित्व में आया करगहर विधानसभा करगहर, कोचस व शिवसागर प्रखंड के उत्तरी भाग को मिलाकर बनाया गया। यहां इस बार 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। मुख्य मुकाबला जदयू के निवर्तमान विधायक वशिष्ठ सिंह, कांग्रेस के संतोष मिश्र व लोजपा के राकेश कुमार सिंह उर्फ गबरु सिंह के बीच माना जा रहा है। बसपा के उदय प्रताप ङ्क्षसह मुकाबले को एक और कोण देने में लगे हैं। यहां 2015 के चुनाव में जदयू ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का टिकट काट वशिष्ठ सिंह को प्रत्याशी बनाया था। तब वशिष्ठ सिंह ने रालोसपा प्रत्याशी रहे बिरेंद्र सिंह कुशवाहा को पराजित किया था। चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों को अपनी पार्टी के कैडर वोट के अलावा स्वजातीय वोटों का भी भरोसा है। इसी हिसाब से सब जीत-हार का आकलन कर रहे हैं।

प्रमुख मुद्दे : रोजगार और महिला शिक्षा

करगहर : 20 प्रत्याशी

जदयू : वशिष्ठ सिंह

कांग्रेस : संतोष मिश्र

लोजपा : राकेश कुमार सिंह

बसपा : उदय प्रताप सिंह

दिनारा में मंत्री की राह में अपने हीकांटें

दिनारा विधानसभा जिले की हॉट सीट बनी हुई है। दिनारा, दावथ व सूर्यपुरा प्रखंड को मिलाकर बने इस विधानसभा क्षेत्र से इस बार 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जदयू ने इस बार भी राज्य के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री जयकुमार सिंळ को अपना प्रत्याशी बनाया है। वे 2010 व 2015 में से यहां चुनाव जीत चुके हैं। वहीं भाजपा के कद्दावर नेता रहे राजेंद्र सिंह ने लोजपा के टिकट पर उतर कर लड़ाई का स्वरूप बदल दिया है। राजेंद्र सिंह ने पिछली दफा भाजपा के टिकट पर किस्मत आजमाई थी मगर हार गए थे। वे आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक के अलावा झारखंड भाजपा के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं राजद ने इस बार पूर्व जिलाध्यक्ष विजय मंडल को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे यहां लड़ाई कांटे की हो गई है।

प्रमुख मुद्दे : राइस मिल इंडस्ट्रीज को फिर से चालू किया जाए खेतों तक पानी

दिनारा : 19 प्रत्याशी

जदयू : जयकुमार सिंह

लोजपा : राजेंद्र सिंह

राजद : विजय मंडल

काराकाट का समीकरण कर रहा बेचैन

काराकाट विधानसभा पर इस बार 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां मुकाबला भाजपा के राजेश्वर राज, भाकपा माले के अरुण कुमार व रालोसपा की मालती सिंह के बीच माना जा रहा है। हालांकि निर्दलीय व अन्य दलों के प्रत्याशी वोटों में सेंध लगाकर समीकरण बिगाड़ सकते हैं। यहां से 2010 में जदयू के राजेश्वर राज ने भाकपा माले के अरुण कुमार को हराया था। बाद में वे जदयू छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि 2015 के चुनाव में राजद के संजय यादव से चुनाव हार गए थे। इस बार एनडीए से भाजपा के राजेश्वर राज फिर मैदान में हैं। इधर, 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव जीते संजय यादव इस बार बेटिकट होने से शांत हैं। इस विधान सभा में बिक्रमगंज, काराकाट व संझौली प्रखंड को शामिल किया गया है।

प्रमुख मुद्दे : सिंचाई, बालिका शिक्षा

काराकाट : 13 प्रत्याशी

भाजपा : राजेश्वर राज

भाकपा माले : अरुण कुमार

रालोसपा : मालती सिंह

डेहरी में दोनों गठबंधनों को मिल रही चुनौती

डेहरी विधानसभा में इस बार 14 योद्धा रणक्षेत्र में हैं। अकोढ़ीगोला व डेहरी प्रखंड को मिलाकर बने इस विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक भाजपा के सत्यनारायण ङ्क्षसह यादव व राजद के फतेह बहादुर सिंह चुनाव मैदान में हैं। 2015 के चुनाव में राजद के इलियास हुसैन ने रालोसपा प्रत्याशी रिंकू सोनी को पराजित किया था। हालांकि, अलकतरा घोटाला में सजायाफ्ता होने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो गई। 2019 में हुए उप चुनाव में भाजपा के सत्यनारायण यादव विधायक चुने गए । भाजपा जहां इस पारंपरिक प्रतिष्ठा वाली सीट को बचाने में एड़ी चोटी एक कर रही है, वहीं राजद भी अपने जनाधार वाली इस सीट को फिर से अपने खाते में डालने के लिए संघर्ष कर रहा है। 2005 के चुनाव में राष्ट्र सेवा दल से प्रदीप जोशी व 2010 में उनकी पत्नी ज्योति रश्मि यहां से जीत हासिल कर चुकी हैं। इसबार भी प्रदीप जोशी के चुनाव में उतरने से लड़ाई रोचक बनी हुई है।

प्रमुख मुद्दे: रेल वैगन कारखाने का निर्माण, पत्थर उद्योग

डेहरी : 14 प्रत्याशी

भाजपा : सत्यनारायण सिंह यादव

राजद : फतेह बहादुर सिंह

निर्दलीय : प्रदीप जोशी

नोखा विधानसभा में विरासत बचाने की जंग

नोखा विधानसभा क्षेत्र से इस बार 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में जमे हैं। इस विधानसभा में नोखा, राजपुर व नासरीगंज प्रखंड शामिल हैं। यहां से राजद की निवर्तमान विधायक पूर्व मंत्री अनिता देवी खड़ी हैं। वहीं जदयू ने अपने जिलाध्यक्ष नागेंद्र चंद्रवंशी को उम्मीदवार बनाया है। लोजपा से डॉ. कृष्ण कबीर प्रत्याशी हैं। वे शाहाबाद के सांसद रहे रामअवधेश ङ्क्षसह के पुत्र हैं। यहां से 2015 में राजद प्रत्याशी अनिता देवी चुनाव जीत राज्य में मंत्री बनी थी। उनके ससुर जंगी चौधरी दो बार व पति आनंद मोहन भी एक बार इस विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर मंत्री बने थे। पति की मृत्यु के बाद पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारा। हालांकि, यहां 2000 से 2015 के चुनाव से पूर्व तक भाजपा के रामेश्वर प्रसाद चार बार विधायक रहे हैं। इस बार वे क्षेत्र बदल सासाराम से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

प्रमुख मुद्दे: राइस मिल इंडस्ट्रीज और पत्थर उद्योग पर काम शुरू हो

नोखा: 15 प्रत्याशी

राजद : अनिता देवी

जदयू : नागेंद्र चंद्रवंशी

लोजपा : डॉ. कृष्ण कबीर

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