Bihar assembly election 2020 : अररिया में बागी बिगाड़ सकते हैं बड़े नेताओं का खेल

Bihar assembly election 2020 नामांकन की प्रक्रिया अभी जारी है। अबतक की चुनावी गतिविधियों से पता चल रहा है कि बागी उम्‍मीदवारों से यहां बड़े-बडे नेताओं को खतरा है। आधा दर्जन से अधिक बागी होकर चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। इनमें राजद व भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 11:25 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 11:25 PM (IST)
Bihar assembly election 2020 : अररिया में बागी बिगाड़ सकते हैं बड़े नेताओं का खेल
अररिया जिले में अभी नामांकन प्रक्रिया चल रही है।

अररिया [आशुतोष कुमार निराला]। Bihar assembly election 2020 : जिले में महागठबंधन और एनडीए के बागी चुनावी खेल बिगाडऩे के लिए तैयार हैं। आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी बागी होकर चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। इनमें राजद व भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हैं।

नामांकन की प्रक्रिया अभी जारी है। अबतक की चुनावी गतिविधियों में अररिया में जदयू के प्रत्याशी शगुफ्ता अजीम ने नामांकन दाखिल किया है। यहां भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बब्बन चुनाव मैदान में लोजपा से ताल ठोक रहे हैं। वे भी 20 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। इसी तरह सिकटी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विजय कुमार मंडल के विरोध उनके पार्टी के कार्यकर्ता राजा मिश्रा चुनाव लड़ेंगे। सोमवार को प्रस्तावक की कमी के कारण वे नामांकन दाखिल नहीं कर पाए। विजय मंडल का नामांकन हो चुका है। सिकटी से राजद से शुत्रघन मंडल प्रत्याशी हैं। यहां राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष कमरूजमा के साथ साथ राजद नेता व पूर्व विधायक आनंदी यादव के पुत्र अभिषेक आनंद ने निर्दलीय के रूप नामांकन दाखिल कर दिया है। रानीगंज सुरक्षित सीट से जदयू से अचमित ऋषिदेव ने नामांकन दाखिल कर दिया है। इनके विरोध में पूर्व विधायक व भाजपा नेता परमानंद ऋषिदेव लोजपा से चुनाव लडऩे की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने सिंबल लेते हुए फोटो भी जारी कर दिया है।

सबसे दिलचस्प मामला जोकीहाट विधानसभा में है। यहां राजद से तस्लीमुद्दीन के मंझले पुत्र सरफराज आलम चुनाव मैदान में हैं। वे सोमवार को नामांकन भी दाखिल कर चुके हैं। 20 अक्टूबर को उनके छोटे भाई व सीटिंग विधायक शाहनवाज आलम निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। बगावत के मामले में नरपतगंज विधानसभा की स्थिति थोड़ी ठीक है। यहां से सीधे तौर पर किसी बागी ने चुनाव लडऩे की घोषणा नहीं की है। कुल मिलाकर एकाध जगह तो बागी मजबूत स्थिति में हैं। जिले में इस बार रोचक चुनाव होने की संभावना है। सभी विधानसभा से बागी उम्‍मीदवारों उतरेंगे।

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