पश्चिम बंगाल में एक बड़ी साजिश के तहत नशे के जाल में युवाओं को फंसाया जा रहा है

पुलिस व एनसीबी ही नहीं युवाओं के माता-पिता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि आखिर उनके बच्चे कहीं गलत राह पर तो नहीं चल रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 19 Mar 2018 12:59 PM (IST) Updated:Mon, 19 Mar 2018 12:59 PM (IST)
पश्चिम बंगाल में एक बड़ी साजिश के तहत नशे के जाल में युवाओं को फंसाया जा रहा है
पश्चिम बंगाल में एक बड़ी साजिश के तहत नशे के जाल में युवाओं को फंसाया जा रहा है

हेरोइन, ड्रग्स, हशीश, चरस, गांजा, अफीम समेत तमाम तरह के मादक पदार्थ की तस्करी बंगाल के रास्ते होती रहती है। परंतु, पिछले वर्ष दिसंबर में जब एलएसडी और मिथेलीनडाईऑक्सीमेथफेटामाइन (एमडीएमए), मैजिक मशरूम, मादक कैंडी जैसे ड्रग्स की बरामदगी से यह प्रमाणित हो रहा है कि महानगर व आसपास रहने वाले युवाओं व छात्रों पर मादक तस्करों की गिद्ध दृष्टि पड़ी हुई है। पिछले चार माह में करीब एक दर्जन मादक तस्करों की गिरफ्तारी हुई जिसमें कई मैनेजमेंट, इंजीनियर व बार और नाइट क्लबों के डीजे शामिल हैं। यही नहीं नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारियों का कहना है कि यह मादक रेव पार्टी से लेकर स्कूलों व कॉलेजों के साथ-साथ अन्य पेशेवर शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया जाता है। इसलिए एनसीबी के अधिकारियों ने कई नामी स्कूल व शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन के साथ बैठक भी की थी।

यह एक बड़ी साजिश के तहत भारत के युवाओं को नशे के जाल में फंसाया जा रहा है। इसके पीछे कौन लोग हैं? किस तरह से वे पूरी तस्करी को अंजाम दे रहे हैं? इसके पीछे उनकी मंशा क्या है? इन सवालों के जवाब को तलाशने की जरूरत है। पुलिस व एनसीबी ही नहीं युवाओं के माता-पिता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि आखिर उनके बच्चे कहीं गलत राह पर तो नहीं चल रहे हैं। बुधवार को ही दुबई में बैठे अंतरराष्ट्रीय मादक तस्कर गिरोह के सरगना के इशारे पर देशभर में बिट-क्वाइन के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी करने के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने एक नवयुवक को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार किया है। उसका नाम कमलेश बास्ते (20) है। उसकी निशानदेही पर नासिक के अभियान नगर स्थित उसके आवास से एमडीएमए ड्रग्स बरामद किया गया।

एनसीबी के कोलकाता के क्षेत्रीय निदेशक का कहना है कि कमलेश ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। वह विदेश में पढ़ाई की कोशिशों में था। इसी दौरान इंटरनेट के जरिए वह अंतरराष्ट्रीय मादक तस्करी करने लगा। वह डार्क वेब से बिट-क्वाइन के जरिए मादक पदार्थ खरीदार कर कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, नोएडा, बेंगलुरु आदि शहरों में आपूर्ति करता था। एनसीबी ने गत वर्ष 12 दिसंबर को एलएसडी के 148 टैबलेट्स और 26.6 ग्र्राम एमडीएमए नामक ड्रग्स की तस्करी के आरोप में निलय घोष और जेरोम वाटसन नामक दो लोगों को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। वे देशभर में विभिन्न कॉलेजों में इसकी तस्करी करते थे। पूछताछ के बाद निलय की निशानदेही पर इस साल 13 फरवरी को बेंगलुरुसे ऋदम दास नामक एक आर्किटेक्ट को गिरफ्तार किया गया था।

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हाईलाइटर::: पुलिस व एनसीबी ही नहीं युवाओं के माता-पिता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि आखिर उनके बच्चे कहीं गलत राह पर तो नहीं चल रहे हैं।

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]

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