पर्यटन स्थलों में महाजाम

पर्यटकों की भीड़ के कारण हिमाचल में वीक एंड पर हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं। इस गंभीर समस्या के समाधान को योजना की जरूरत है।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 05:48 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 05:48 AM (IST)
पर्यटन स्थलों में महाजाम
पर्यटन स्थलों में महाजाम

बीते सप्ताह के अंतिम तीन दिन प्रदेश में भारी पड़े। इसकी दो वजहें रहीं। एक उमस, दूसरा सड़क पर महाजाम जैसे हालात। जाम का बड़ा कारण छुट्टियों के कारण सड़क पर बढ़ी वाहनों की भीड़ रही। इस भीड़ में स्थानीय लोग भी शामिल रहे। ये ऐसे लोग हैं जो गृह जिला से बाहर या पड़ोसी राज्यों में सेवारत हैं। पर सड़क जाम के लिए ये लोग कम जिम्मेदार हैं। ज्यादा जिम्मेदार हैं वीक एंड पर आने वाले पर्यटक। शनिवार-रविवार को पर्यटन स्थलों के आसपास लंबा जाम देखने को मिला।

बात चाहे मनाली की करें या फिर डलहौजी, धर्मशाला, शिमला या सोलन की। इन पर्यटन स्थलों से दस-बीस किलोमीटर तक लंबा जाम लगा। जाम में फंसे कुछ लोग दफ्तर जा रहे होते हैं। कुछ ने ट्रेन पकड़नी होती है। कोई अस्पताल जा रहा होता है। कुछ ऐसे भी होते हैं जो घर लौट रहे होते हैं। हर कोई अपनी जल्दी में होता है। सभी लोग अपने तय समय के अनुसार ही निकलते हैं। इसमें कुछ मिनट की ही गुंजाइश रहती है। ऐसा नहीं होता कि आप चार घंटे पहले निकल गए हों। जाहिर है जाम ने कई की टेन और बसें छुड़वाई होंगी। राज्य सरकारें पर्यटकों को आकर्षित करने की नीति पर काम करती हैं। हमारे यहां भी ऐसा ही है। असल में जाम की वजह क्या है? सड़कों पर रोज दौड़ने वाले स्थानीय वाहनों की संख्या हर साल बढ़ रही है। अब इक्का-दुक्का घर मुश्किल से बचा होगा, जिनके पास वाहन नहीं है। अन्यथा जिस घर तक सड़क पहुंचती है, उनके पास स्कूटी, बाइक या कार कुछ न कुछ है।

सड़कों पर वाहन बढ़ते गए, पर सड़कें वैसी ही हैं। हां, कुछ सड़कों को फोरलेन करने पर काम चल रहा है। फोरलेन बनाना दिनों-माह में संभव नहीं है। ट्रैफिक जाम को लेकर पुलिस-प्रशासन भी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं। एनएच के किनारे ही देख लें। लंबे समय से पुलों के काम अधूरे हैं। पुलिस वाले ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले बाहरी पर्यटकों को पकड़ने की मुहिम में लगे हैं, पर जाम खुलवाने में इनकी सक्रियता उतनी नहीं दिखती। जाम के आगे पुलिस के प्रबंध नाकाफी दिख रहे हैं। जाम का बड़ा कारण पर्यटक वाहन ही हैं। सड़कें चौड़ी करने के साथ-साथ वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किग भी चाहिए। जरूरी यह है कि होटल मालिकों को कमरों के हिसाब से पार्किग की व्यवस्था जरूरी की जाए और उसका सख्ती से पालन भी करवाएं।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश]

chat bot
आपका साथी