बेकाबू होते हालात
दिल्ली में डेंगू व मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया से मौत का मामला सामने आना चिंतित करने वाला है। पिछले दो दिनों में तीन की मौत हो चुकी है, जिससे लोग दहशत में हैं। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार चिकनगुनिया का प्रकोप ज्यादा है।
दिल्ली में डेंगू व मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया से मौत का मामला सामने आना चिंतित करने वाला है। पिछले दो दिनों में तीन की मौत हो चुकी है, जिससे लोग दहशत में हैं। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार चिकनगुनिया का प्रकोप ज्यादा है। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक चिकनगुनिया के 1724 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि गत वर्ष मात्र 64 मामले मिले थे। इस तरह से मरीजों की संख्या बढऩे के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम जिम्मेदार हैं। समय रहते मच्छरों की उत्पति रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसका खामियाजा दिल्लीवासियों को भुगतना पड़ रहा है। बरसात शुरू होने से पहले न दिल्ली में नालों की सफाई हुई और न जलभराव रोकने के लिए अन्य कदम उठाए गए। यही कारण है कि गलियों से लेकर मुख्य सड़कों के किनारे पानी जमने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। सफाई का भी बुरा हाल है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। मच्छर जनित बीमारियों के रोकथाम के लिए अभियान के नाम पर भी सिर्फ कागजी कार्रवाई की जा रही है। न जागरूकता अभियान चलाया गया और न मच्छरों को मारने के लिए दवाइयों का छिड़काव। सरकारी व गैरसरकारी इमारतों तथा लोगों के घरों में मच्छरों की उत्पति रोकने के लिए जांच में भी कोताही बरती गई। संबंधित एजेंसियों की इस लापरवाही से लोग डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से पीडि़त हो रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप पहली बार दिल्ली में हुआ है। पिछले कई वर्षों से बरसात के मौसम में ऐसी बीमारियों का बोलबाला रहता है और लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन सरकारी एजेंसियां इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाए सिर्फ आंकड़ों का खेल खेलने और एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगी रहती हैं। इस बार भी हालात ऐसे ही हैं। अगर अब भी ठोस कदम उठा लिए जाएं तो इनके प्रकोप को कम किया जा सकता है। इसलिए सरकार, नगर निगम और अन्य संबंधित एजेंसियों को समय गवांए बगैर इस काम में जुट जाना चाहिए। इसके लिए विशेष टीम गठित होनी चाहिए जो इस काम में आने वाली बाधा को दूर करे। स्वयंसेवी संस्थाओं और आम लोगों को भी अपना योगदान देना चाहिए। घर के अंदर व आसपास मच्छर नहीं पनपे, इसका ध्यान रखना जरूरी है। बुखार होने पर खुद दवाई लेने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]