बदलता जम्मू-कश्मीर; आतंकवाद, पत्थरबाजी और सीमा पार से गोलीबारी अब चुनावी मुद्दा नहीं

प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा यह भी की कि वह दिन दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर में न केवल विधानसभा चुनाव होंगे बल्कि वह पूर्ण राज्य का दर्जा भी प्राप्त करेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर में इसी वर्ष सितंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री के कथन से यह तो स्पष्ट नहीं कि विधानसभा चुनाव होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya Publish:Fri, 12 Apr 2024 11:55 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2024 11:55 PM (IST)
बदलता जम्मू-कश्मीर; आतंकवाद, पत्थरबाजी और सीमा पार से गोलीबारी अब चुनावी मुद्दा नहीं
बदलता जम्मू-कश्मीर; आतंकवाद, पत्थरबाजी और सीमा पार से गोलीबारी अब चुनावी मुद्दा नहीं (File Photo)

प्रधानमंत्री ने ऊधमपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह बिल्कुल सही रेखांकित किया कि अब जम्मू-कश्मीर में एक ओर जहां सड़क, पुल, अस्पताल, रेल नेटवर्क के साथ उच्च शिक्षा संस्थान बन रहे हैं, वहीं हाल के इतिहास में पहली बार है, जब आतंकवाद, पत्थरबाजी, अलगाववाद, सीमा पार से गोलीबारी जैसे विषय चुनावी मुद्दे नहीं हैं।

निःसंदेह यह सब जम्मू-कश्मीर में एक बड़े और बुनियादी बदलाव का सूचक है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव के कुछ और स्पष्ट संकेत भी हैं, जैसे रिकार्ड संख्या में पर्यटकों का जाना और हाल में गृहमंत्री अमित शाह का यह कहना कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम यानी अफस्पा हटाने पर विचार करेगी।

उनके अनुसार जम्मू-कश्मीर से सेना को हटाकर कानून एवं व्यवस्था को राज्य पुलिस के हवाले करने की तैयारी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर और विशेष रूप से घाटी में बदलाव का एक प्रमाण यह भी है कि वहां सिनेमाघर खुलने के साथ खेल गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं और पूंजी निवेश में वृद्धि भी हो रही है। इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि वहां कुछ अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने ऊधमपुर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने से जम्मू-कश्मीर के लोगों और विशेष रूप अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय को मिलने वाले लाभ गिनाकर एक तरह से यही बताया कि यह अनुच्छेद कितना पक्षपाती, विभाजनकारी और लोगों के अधिकारों को कुचलने वाला था। शायद इसी कारण उन्होंने न केवल यह कहा कि उनकी सरकार ने अनुच्छेद-370 की दीवार गिराने के साथ उसका मलबा भी जमीन में गाड़ दिया है, बल्कि यह चुनौती भी दी कि विपक्ष में यह साहस नहीं कि इस अनुच्छेद की वापसी की बात कर सके।

प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा यह भी की कि वह दिन दूर नहीं, जब जम्मू-कश्मीर में न केवल विधानसभा चुनाव होंगे, बल्कि वह पूर्ण राज्य का दर्जा भी प्राप्त करेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर में इसी वर्ष सितंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री के कथन से यह तो स्पष्ट नहीं कि विधानसभा चुनाव होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाएगा, लेकिन इतना साफ है कि ऐसा किया जाना मोदी सरकार के एजेंडे में है।

जैसे ही यह एजेंडा पूरा होगा, पस्त पड़े अलगाववादी तो कश्मीर के लोगों को बरगलाने का अवसर गंवा ही देंगे, पाकिस्तान भी कश्मीर पर और निहत्था हो जाएगा। इसके बाद भी उचित यही होगा कि विधानसभा चुनाव के उपरांत ही यह आकलन किया जाए कि राज्य के दर्जे की बहाली कब की जाए? यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि एक तो आतंकी छिटपुट हमले करते रहते हैं और दूसरे, कश्मीरी हिंदू अभी अपने घरों को नहीं लौट सके हैं। जितना जरूरी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना और राज्य के दर्जे की बहाली करना है, उतना ही यह भी कि कश्मीरी हिंदू अपने घरों को लौटने के साथ वहां निर्भय होकर रह सकें।

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