सख्त चेतावनी
भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति का इलाज शायद लंबा चल सकता है लेकिन, इससे छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
-----भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति का इलाज शायद लंबा चल सकता है लेकिन, इससे छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ी है। -----मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में आयोजित डिजिधन मेले में जिस तरह भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए भ्रष्टाचारियों को सख्त चेतावनी दी है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है। समावेशी विकास के लिए भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा है कि घूस लेने वाले यह तय कर लें कि उसे कितने दिन जेल में रहना है। आने वाले दिनों में उसकी संपत्ति भी जब्त हो सकती है। डिजिधन की उपयोगिता बताते हुए उन्होंने साफ कहा है कि भ्रष्टाचार के कोढ़ ने पूरी व्यवस्था को जकड़ लिया है। उनके अनुसार पिछले कुछ अरसे से सरकारी ठेकों में माफिया-अपराधियों का गठजोड़ हावी हो गया है। अपराधी और माफिया ठेकेदार सत्ता के साथ मिलकर ठेके हड़पते रहे। फिर काम के लिए छोटे कांट्रेक्टर रखते रहे। एक साल का काम पांच साल में होता था। बार-बार प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाकर सरकारी खजाने की लूट-खसोट होती थी। ऐसे तत्वों के वर्चस्व को खत्म करने के मकसद से उन्होंने कई बड़ी परियोजनाओं की जांच कराने के साथ ई-टेंडरिंग को अपनाने का फैसला करके अपनी सरकार का इरादा स्पष्ट कर दिया है।अफसोस की बात है कि पिछली सरकारों ने घूसखोरी व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। बल्कि इस समस्या को लाइलाज व सार्वभौमिक बताकर इसको स्वीकार्य बनाने के पक्ष में माहौल बनाने का कार्य किया। एक मुख्यमंत्री ने तो बिजली चोरी को कोई बड़ी बात न मानने का बयान ही दे दिया था। अब जब मुख्यमंत्री स्तर से ही बिजली चोरी पर इस तरह की बयानबाजी होगी तो लोग इसे अपना हक मानने लगेंगे। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी के कामकाज का जो तरीका व शैली है उससे यह उम्मीद बंधती है कि वे जो भी चेतावनियां दे रहे हैं वह कतई हवा-हवाई साबित नहीं होंगी। भ्रष्टाचारियों पर अवश्य कार्रवाई होगी। इस बात के लक्षण भी दिखने लगे हैं। प्रदेश की रग-रग में रच बस गई भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति का इलाज शायद लंबा चल सकता है लेकिन, इससे छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ी है। यदि ऐसा हो पाया तभी प्रदेश की जनता को प्रदेश में सरकार बदलने का सुखद अहसास होगा। जनता को भी इस मामले में जागरूकता का परिचय देना होगा तभी बात बेहतर बन सकेगी।
[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]