पानी की बर्बादी रुके
पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार की घरों में मीटर लगाने की कवायद शुरू होने से किल्लत का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।
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जब पानी का बिल देना पड़ेगा तो उपभोक्ता जवाबदेह होगा। लोग पानी का इस्तेमाल मितव्ययता से करेंगे। इससे काफी हद तक पानी का दुरुपयोग रुकेगा
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पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार की घरों में मीटर लगाने की कवायद शुरू होने से शहरों में पेयजल कि किल्लत का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। अच्छी बात यह है कि अब जितना पानी घरों में इस्तेमाल होगा, उसी हिसाब से बिल का भुगतान करना होगा। इतना ही नहीं, इससे हर उपभोक्ता जवाबदेह होगा और अधिक बिल न आए इसके लिए वे पानी का इस्तेमाल मितव्ययता से करेंगे। इससे काफी हद तक पानी का दुरुपयोग रुकेगा। कुछ साल पहले सरकार ने मीटर लगाने की प्रक्रिया कॉमर्शियल कनेक्शनों से शुरू की थी, लेकिन अब इन्हें घरों में लगाया जाना बेशक एक अच्छा कदम है, लेकिन इसके लिए खस्ताहाल पेयजल ढांचे को दुरुस्त करने की जरूरत है। टूटी पेयजल पाइपों से रोजना सैकड़ों गैलन पानी व्यर्थ में बह जाता है। अगर इस पानी की बर्बादी को रोका जाए तो गर्मियों के मौसम में पेयजल किल्लत की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। जम्मू शहर में नियमित पेयजल सप्लाई के लिए प्रतिदिन 47 मिलियन गैलन पानी की आवश्यकता है परंतु इसके एवज में 45 मिलियन गैलन पानी प्रतिदिन उपलब्ध हो पा रहा है। पेयजल विभाग के मुताबिक अगर घरों में मीटर लग जाएंगे तो पानी की किल्लत लगभग समाप्त हो जाएगी। खस्ताहाल ढांचे के कारण 40 से 45 प्रतिशत पानी रोजाना व्यर्थ नालियों में बह जाता है। इतना ही नहीं, इससे राजस्व वसूली होगी और इससे पानी के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने इक्नोमिक रीकंस्ट्रशन एजेंसी को पचास साल पुरानी सप्लाई व्यवस्था को बदलने के लिए प्रोजेक्ट सौंपे जाने से पेयजल व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है। सरकार का दायित्व बनता है कि पुरानी पाइपों को बदलने के लिए एक साथ काम शुरू किया जाए। इससे पहले निर्माण एजेंसी को उन महत्वपूर्ण जगहों की पहचान करनी होगी, जहां पानी की बर्बादी अधिक हो रही है। लोगों का भी दायित्व बनता है कि वे पानी का इस्तेमाल किफायत से करें और टैंक भर जाने के बाद इसके नल को बंद कर दें। अक्सर देखा गया है कि सप्लाई का पानी नालियों में बह रहा होता है, जबकि कई घरों में पानी नहीं पहुंचता। कुछ लोग अपनी गाडिय़ां को साफ करने के लिए बेतहाशा पानी बहाते हैं। अगर इसको रोका जाए तो पानी की किल्लत दूर होगी।
[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]