रेल सुरक्षा

रांची रेलमंडल में न तो सुविधा और न संरक्षा पर ही विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 29 Aug 2017 03:56 AM (IST) Updated:Tue, 29 Aug 2017 03:56 AM (IST)
रेल सुरक्षा
रेल सुरक्षा

रांची रेलमंडल में न तो सुविधा और न संरक्षा पर ही विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब भी वक्तहै कि रेल प्रबंधन गंभीर हो जाए। लापरवाह अफसरों के खिलाफ ससमय सख्त कार्रवाई कर अच्छा संदेश दे।
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देशभर में लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं को देखते हुए भी रांची रेलमंडल सावधानी नहीं बरत रहा। इस रेलमंडल में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं जिस पर तत्काल रेल प्रबंधन को सतर्कता बरतनी चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। ऐसे में सैकड़ों रेलयात्रियों का जीवन कभी भी संकट में पड़ सकता है। रेल मंत्रालय जहां यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के प्रति गंभीर है वहीं इस तरह की लापरवाही सवाल खड़े करती है। रांची मंडल में चलनेवाली गुड्स ट्रेनों की बीपीसी (ब्रेक पावर सर्टिफिकेट) अमान्य होने के बाद भी यहां ट्रेनें सरपट दौड़ रही हैं। इस बात की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को भी है, लेकिन इस दिशा में कोई कारगर कार्रवाई नहीं की गई। इससे कभी भी बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यहां तक कि गार्ड व ड्राइवर रिपोर्ट (जीडीआर) पर भी रेल प्रशासन गंभीर नहीं है। रेल प्रबंधन की उपेक्षा उसकी लापरवाही को ही परिलक्षित करती है। टाटी रेलवे स्टेशन में यूटीवी मशीन के रोल डाउन होने से दो लोको पायलटों की मौत हो चुकी है। जांच के दौरान यूटीवी मशीन का इमरजेंसी ब्रेक, हैंड ब्रेक और अलार्म खराब पाया गया। इतना ही नहीं दुर्भाग्यवश यदि इस रेल मंडल में दुर्घटना हुई तो यात्रियों की जिंदगी राम भरोसे ही रहेगी। कारण यह कि रांची रेल मंडल के पास अपना क्रेन तक नहीं है। यहां किसी भी हादसे के बाद बोगियों को हटाने के लिए चक्रधरपुर मंडल और धनबाद मंडल के भरोसे रहना होगा। जिसमें घंटों लग जाएंगे और समय पर राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सकेगा। जाहिर है तब तक बड़ा नुकसान हो चुका होगा। रेल प्रबंधन की शिथिलता यह कि 2016 में ही रांची रेलमंडल में 140 टन के क्रेन को खरीदने की योजना बनी थी तब से लेकर आज तक यह योजना धूल फांक रही है। जहां तक सुविधाओं की बात है तो राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी बेड रॉल से लेकर खाने में कई बार गड़बड़ी पकड़ी गई है। स्पष्ट है कि यहां न तो सुविधा और न संरक्षा पर ही विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब भी वक्तहै कि कोई बड़ा हादसा होने से पहले ही रेल प्रबंधन गंभीर हो जाए। गड़बड़ी संबंधी गार्ड व ड्राइवर की रिपोर्ट पर तत्काल संज्ञान लेना होगा, दोषी अधिकारियों के खिलाफ ससमय सख्त कार्रवाई करनी होगी, तभी रेल यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]

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