रेल सुविधाएं और हकीकत

ट्रेन की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के ख्याल से रेल मंत्रालय लगातार नई सुविधाएं बढ़ा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 11 Dec 2017 05:37 AM (IST) Updated:Mon, 11 Dec 2017 05:37 AM (IST)
रेल सुविधाएं और हकीकत
रेल सुविधाएं और हकीकत

आम जन की सुविधाओं को लेकर राज्य और केंद्र की सरकार लगातार प्रयासरत रहती है। घोषणाओं के बाद सुविधाएं बहाल भी होती हैं, लेकिन देखरेख न होने की वजह से धीरे-धीरे स्थिति पूर्ववत हो जाती है। ट्रेन की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के ख्याल से रेल मंत्रालय लगातार नई सुविधाएं बढ़ा रहा है। हालिया घोषणा के अनुसार अब ट्रेन में बीमार यात्री के इलाज के लिए टीटीई को प्रशिक्षित किया जाएगा। टीटीई मरहम-पïट्टी के साथ जीवन रक्षक दवाएं भी रखेंगे। उन्हें उसके इस्तेमाल की जानकारी होगी। इंजेक्शन लगाने का भी प्रशिक्षण होगा। बीमार यात्री की हालत गंभीर होने पर टीटीई सीधे अगले स्टेशन के प्रबंधक से संपर्क करेंगे, जहां चिकित्सक को बुलाकर रखा जाएगा। यह व्यवस्था वाकई रेल यात्रियों को आपात स्थिति में सुकून देने वाली होगी। फिलहाल यह योजना के स्तर पर है, क्रियान्वयन में समय लगेगा। दूसरी तरफ यह देखना ज्यादा जरूरी है कि ट्रेनों में या प्लेटफार्म पर जो सुविधाएं पूर्व से बहाल हैं वह सुचारू हैं या नहीं। जमुई जिले के झाझा रेलवे स्टेशन पर शनिवार को जो हुआ वह यह बताने के लिए काफी है कि सामान्य सुविधाओं का लाभ भी रेल यात्रियों को नहीं मिल पा रहा। गंभीर रूप से बीमार एक यात्री सीढिय़ां चढ़ते हुए दूसरे प्लेटफार्म पर जाता है। उसकी हालत वहां बिगड़ती है। वह बेहोश हो जाता है। परिजन स्ट्रेचर के लिए दौड़ लगाते हैं, लेकिन नहीं मिलता। आखिरकार परिजन कुछ रेल यात्रियों के सहयोग से उसे उठाकर स्टेशन से बाहर ले जाने लगते हैं, इसी बीच बीमार रेलयात्री दम तोड़ देता है। यह विचारणीय है कि सरकार दिव्यांगों के लिए विशेष बोगी की व्यवस्था कर रही है। उन्हें ट्रेन पर चढऩे-उतरने में परेशानी न हो इस ख्याल से प्लेटफार्म पर सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। ट्रेन में प्रारंभिक चिकित्सा के उपाय किए जा रहे हैं, ऐसे में स्टेशन पर एक अदद स्ट्रेचर न मिलना व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। एक तरफ संचार की आधुनिक सुविधाओं का लाभ लेने की कोशिश हो रही है वहीं दूसरी ओर सामान्य सुविधा भी यात्रियों को नहीं मिल पा रही। सुविधाओं को लेकर यह विरोधाभासी हालात है। रेलवे को इस मामले में गंभीर होने की जरूरत है। स्टेशन पर पर्याप्त रोशनी, बैठने की व्यवस्था, पानी, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी सेवा तो प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह तभी संभव होगा जब जिम्मेदार अधिकारी लगातार जांच करते रहें।
------------
हाईलाइटर
एक तरफ रेल यात्रियों को आधुनिकतम सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास है तो दूसरी ओर वे सामान्य सेवा से भी वंचित हो जा रहे। रेलवे को इस मामले में सख्ती दिखानी होगी। स्टेशनों पर मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की लगातार जांच जरूरी है।

[ स्थानीय संपादकीय: बिहार ]

chat bot
आपका साथी