प्लास्टिक के खिलाफ संदेश देकर पीएम मोदी ने पर्यावरण प्रेमियों के मन की मुराद पूरी की

प्लास्टिक का कचरा इसलिए पर्यावरण के लिए एक बड़ा संकट बन गया है क्योंकि उसका क्षरण सैकड़ों वर्षों में होता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Aug 2019 02:05 AM (IST) Updated:Mon, 26 Aug 2019 02:06 AM (IST)
प्लास्टिक के खिलाफ संदेश देकर पीएम मोदी ने पर्यावरण प्रेमियों के मन की मुराद पूरी की
प्लास्टिक के खिलाफ संदेश देकर पीएम मोदी ने पर्यावरण प्रेमियों के मन की मुराद पूरी की

शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में स्वच्छ भारत अभियान की चर्चा न की हो। इस बार भी उन्होंने इस अभियान को लेकर अपने मन की बात की, लेकिन इस दौरान उन्होंने आगामी 2 अक्टूबर से प्लास्टिक के खिलाफ अभियान शुरू करने का संदेश देकर एक ओर जहां पर्यावरण प्रेमियों के मन की मुराद पूरी की वहीं दूसरी ओर आम जनता का ध्यान एक गंभीर होती समस्या की ओर भी आकर्षित किया।

ऐसा करना वक्त की जरूरत थी। चूंकि प्रधानमंत्री एक बार प्रयोग होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ने की जरूरत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से भी जता चुके हैं

इसलिए यह साफ है कि वह इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देना चाहते हैं। किसी भी आंदोलन की सफलता जन भागीदारी पर निर्भर करती है। स्वच्छ भारत को नए आयाम देने वाला प्लास्टिक कचरे से मुक्ति का अभियान तभी सफल होगा जब आम लोग उसमें हर संभव तरीके से सहयोग देने के लिए आगे आएंगे। हर किसी को इससे परिचित होने की जरूरत है कि रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक का आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है।

प्लास्टिक का कचरा इसलिए पर्यावरण के लिए एक बड़ा संकट बन गया है, क्योंकि उसका क्षरण सैकड़ों वर्षों में होता है। यह संकट इतना गंभीर रूप लेता जा रहा है कि एक बार प्रयोग होने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह बंद करने की नौबत आ सकती है। ऐसी कोई नौबत आए, इसके पहले ही हमें सचेत हो जाना चाहिए और इस क्रम में यह भी देखना चाहिए कि एक से अधिक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की ऐसी कौन सी वस्तुएं हैं जिनके प्रयोग से बचा जा सकता है, जैसे कि टूथब्रश।

नि:संदेह प्लास्टिक कचरे से पीछा तभी छूटेगा जब दैनिक उपयोग में आने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं के विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। यह अच्छी बात है कि कई सरकारी संस्थान एक बार प्रयोग में आने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं का इस्तेमाल बंद करने जा रहे हैं।

रेलवे एक बार प्रयुक्त होने वाली प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल बंद करने जा रहा है तो लोकसभा सचिवालय ने संसद में प्लास्टिक की पानी की बोतलों के साथ प्लास्टिक की कुछ अन्य वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह के जो भी कदम उठाए जा रहे हैं उनका दायरा तेजी से फैलना चाहिए।

इसी के साथ इस पर भी गौर किया जाना चाहिए कि प्लास्टिक के ऐसे कौन से उत्पाद हैं जिनके निर्माण पर यथाशीघ्र पाबंदी लगाई जा सकती है? बेहतर होगा कि प्लास्टिक की थैलियां बनाने पर रोक लगाई जाए।

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