विस में विपक्षी एकजुटता

तृणमूल कांग्रेस के समर्थन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य राज्यसभा में पहुंच गए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Aug 2017 05:45 AM (IST) Updated:Fri, 04 Aug 2017 05:45 AM (IST)
विस में विपक्षी एकजुटता
विस में विपक्षी एकजुटता

तृणमूल कांग्रेस के समर्थन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य भले ही राज्यसभा में पहुंच गए और इस कारण राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दल एक दूसरे के करीब भी हो गए, लेकिन बंगाल में कांग्रेस व वाममोर्चा एकजुट हैं। इसे साबित करने की कोशिश की गई है। विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टी वाममोर्चा उसमें शामिल नहीं हुई। दोनों विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। वैसे तो भाजपा भी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुई, लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष ने बैठक का बहिष्कार करने से इन्कार किया है। घोष ने कहा कि वह पार्टी की बैठक में भाग लेने के लिए जिला दौरा पर गए थे। विधानसभा में सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए लौट रहे थे, लेकिन उनके पहुंचते ही बैठक खत्म हो गई।
कांग्रेस और वाममोर्चा ने अपनी रणनीति के तहत सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। बाद में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान और वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बैठक का बहिष्कार करने का कारण भी बताया। विपक्ष के दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की नहीं सुनी जाती है। सरकार अपना फैसला विपक्ष पर थोप देती है और स्पीकर भी उसी पर अमल करते हैं। इसलिए विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि कांग्रेस और वाममोर्चा संयुक्त रूप से राज्य में बाढ़ की स्थिति पर प्रस्ताव लाएंगी और उस पर बहस कराने की मांग करेंगी। इसके साथ ही दोनों विपक्षी दल के सदस्य पहाड़ समस्या, और भांगड़ में किसानों का आंदोलन आदि ज्वलंत मुद्दों को सदन में उठाएंगे।
यह बताना प्रासंगिक है कि दो दिन पहले ही राज्यसभा की एक सीट को लेकर जिस तरह कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एकजुट हुई थी और वाममोर्चा विरोध में खड़ा हो गया था उससे लगा था कि राज्य में नया राजनीतिक समीकरण बनेगा। लेकिन ज्वलंत मुद्दों पर ममता सरकार को घेरने पर कांग्रेस और वाममोर्चा ने विधानसभा में एकजुटता बनाने की रणनीति तय की है। राज्य में सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने से दोनों विपक्षी पार्टियां पीछे नहीं हटेंगी।
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हाईलाइटर::(यह बताना प्रासंगिक है कि दो दिन पहले ही राज्यसभा की एक सीट को लेकर जिस तरह कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एकजुट हुई थी और वाममोर्चा विरोध में खड़ा हो गया था उससे लगा था कि राज्य में नया राजनीतिक समीकरण बनेगा।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]

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