रोजगार के अवसर

सरकारी नौकरी के मामले में पिछला साल भी झारखंड के लिए उपलब्धि भरा रहा है। नई सरकार बनने के बाद इस प्रक्रिया में काफी तेजी आई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 07 Apr 2017 02:00 AM (IST) Updated:Fri, 07 Apr 2017 02:03 AM (IST)
रोजगार के अवसर
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हाईलाइटर
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सरकारी नौकरी के मामले में पिछला साल भी झारखंड के लिए उपलब्धि भरा रहा है। नई सरकार बनने के बाद इस प्रक्रिया में काफी तेजी आई है। वैसे, इसे तेजी के पीछे कई वजहें भी हैं।
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देशभर में जहां सरकारी नौकरी के अवसर कम हो रहे हैं वहीं झारखंड में सरकारी नौकरियों की बरसात होनेवाली है। राज्य में पिछले कुछ सालों के दौरान इस प्रक्रिया में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ज्यादातर विभागों में जहां नई नौकरियों के लिए प्रक्रिया चल रही है वहीं कई विभागों में बहाली हो भी चुकी है। जल्द ही 4000 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश राज्य सरकार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को देगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर सभी विभागों से खाली पड़े पदों की पहचान करने को भी कहा गया है। इसी के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज होगी। तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा विभागों ने रिक्तियां चिह्नित कर कार्मिक विभाग को भेज दी है। शेष विभागों से भी जल्द जानकारी मिलने की उम्मीद है। झारखंड लोक सेवा आयोग भी जल्द ही 19 पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ करेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष 50 हजार पदों पर बहाली सुनिश्चित की जाए। हालांकि सरकारी नौकरी के मामले में पिछला साल भी झारखंड के लिए उपलब्धि भरा रहा है। नई सरकार बनने के बाद इस प्रक्रिया में काफी तेजी आई है। वैसे इसे तेजी के पीछे की कई वजहें भी हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने विभिन्न तकनीकी कारणों से इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया। शिक्षक नियुक्त की प्रक्रिया पर हाई कोर्ट की ओर से रोक लगी। झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं पर भी विवाद का साया मंडराया। स्थानीय नीति घोषित नहीं रहने की वजह से भी तकनीकी अड़चनें आईं। इसके अलावा विभागों की नियुक्ति नियमावली का नहीं होना भी एक बड़ी वजह थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद रघुवर दास ने इन तकनीकी जटिलता को दूर करने की सफल कोशिश की। स्थानीय नीति परिभाषित होने के कारण लोगों को आवासीय पहचान पत्र आदि बनाने में सहूलियत हुई। दरअसल, रोजगार के नए अवसर सिर्फ सरकारी क्षेत्र में ही पैदा नहीं हो रहे हैं। मोमेंटम झारखंड का आयोजन निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हुआ। ज्यादातर निवेश की योजनाएं अल्पकालिक हैं। यह तीन वर्ष के भीतर धरातल पर उतरेंगी। एक अनुमान के मुताबिक इन योजनाओं से छह लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह आवश्यक भी है। झारखंड सरीखे राज्य में पलायन एक बड़ी समस्या है। अगर राज्य में ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे तो एक बड़ी समस्या का समाधान होगा। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में किया जा रहा प्रयास सराहनीय है।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]

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