चिंताजनक हालात, दूध के नमूनों में मिलावट पाया जाना

दूध के 165 में से 21 नमूनों में पानी व पाउडर की मिलावट मिली है। नामी कंपनियां भी इसमें खरी नहीं उतरी हैं

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 05 May 2018 03:04 PM (IST) Updated:Sat, 05 May 2018 03:04 PM (IST)
चिंताजनक हालात, दूध के नमूनों में मिलावट पाया जाना
चिंताजनक हालात, दूध के नमूनों में मिलावट पाया जाना

राजधानी में दूध के नमूनों में मिलावट पाया जाना चिंताजनक है। दूध के 165 में से 21 नमूनों में पानी और पाउडर की मिलावट मिलना अस्वीकार्य है। नामी गिरामी कंपनियों का दूध भी शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतर सका। हालांकि, इन नमूनों में असुरक्षित कुछ नहीं मिला, लेकिन जरूरी पोषक तत्वों की कमी पाई गई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं मीडिया को यह सच्चाई बयां की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही। दूध के साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने घी के नमूने भी लिए हैं। उनकी शुरुआती रिपोर्ट में भी मिलावट की बात सामने आई है, मगर अभी अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार है।

आज की भागती दौड़ती और तनाव भरी जिंदगी में खानपान सेहतमंद नहीं रह गया है। एक तो जंक फूड का बढ़ता चलन, उस पर संतुलित भोजन के नाम पर भी शुद्ध भोजन का न मिलना स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। दूध का सर्वाधिक उपभोग बच्चों मेंहोता है। अगर इसमें शुद्धता नहीं होगी तो बचपन ही नहीं, भविष्य के युवाओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। शायद यही वजह है कि बच्चों में भी कैल्शियम की कमी पाई जाने लगी है। आंखों की रोशनी बालपन से ही कम हो रही है। ऐसे में मिलावट रहित खानपान बहुत आवश्यक है। दूध की गुणवत्ता खराब होने के मामले में दोषियों पर पांच हजार से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और खाद्य पदार्थो में मिलावट पर छह माह से तीन साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन इन प्रावधानों पर सख्ती से अमल होना भी जरूरी है। दिल्ली सरकार को चाहिए कि सिर्फ नमूने लेने तक ही सीमित न रहे बल्कि ऐसे हरसंभव प्रयास भी करे, जिससे खानपान में मिलावट खत्म की जा सके।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]

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