आचरण की मर्यादा

एक जमाना था जब जनप्रतिनिधियों के आचरण की दुहाई दी जाती थी। कहा जाता था कि बोलने-बतियाने और रहन-सहन का तरीका कोई उनसे सीखे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Mar 2017 01:24 AM (IST) Updated:Thu, 16 Mar 2017 01:27 AM (IST)
आचरण की मर्यादा
आचरण की मर्यादा

---एक जमाना था जब जनप्रतिनिधियों के आचरण की दुहाई दी जाती थी। कहा जाता था कि बोलने-बतियाने और रहन-सहन का तरीका कोई उनसे सीखे।---सबसे बड़ा नशा सत्ता का होता है। वस्तुत: सत्ता के नशे की बात ही निराली होती है लेकिन, कुछ बैरागी ऐसे भी होते हैं जिन्हें सत्ता का नशा जरा भी असर नहीं करता। उन्हें रत्ती भर भी गुमान नहीं होता कि वह सत्ता में हैं जबकि कुछ और इतना ध्यान नहीं रख पाते। हरदोई के सवायजपुर विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक व क्षेत्राधिकारी शाहाबाद के बीच मोबाइल पर गरमा-गरमी का आडियो वायरल हो जाने से ऐसा ही लगने लगा है। दरअसल, एक व्यक्ति को पकड़े जाने की सिफारिश का सही उत्तर न देने पर विधायक ने न केवल सीओ को बदली सरकार की धौंस दिखाई बल्कि मुकदमा लिखा देने की भी धमकी दे दी। विधानसभा सदस्यता की शपथ से पूर्व ही विधायक का यह आचरण चौंकाने वाला है। मंगलवार को आडियो वायरल हो जाने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जांच का आदेश दिया है। मामला यह था कि पाली थाना क्षेत्र के खमरिया गांव में हुए विवाद में डॉयल १०० की पुलिस एक व्यक्ति को पकड़ ले गई थी। सवायजपुर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक ने सीओ शाहाबाद को फोन किया। आडियो के अनुसार विधायक ने सीओ से कहा कि हमलावरों ने पहले उनके कार्यकर्ता को पीटा और फिर खुद डॉयल १०० को फोन कर दिया। सीओ ने डॉयल १०० को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए उसे लखनऊ से नियंत्रण होने की बात कही। इस पर विधायक ने सीओ को सपा मानसिकता का बता दिया। विधायक ने पीडि़त को न छोड़ने पर सीओ से उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी भी दे डाली। सत्ता की धमक दिखाने का यह तरीका अनुचित ही कहा जाएगा खास तौर पर तब जब अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने की बात कहकर भाजपा सत्तारूढ़ हुई है। निर्दोष की मदद करना जनप्रतिनिधि का धर्म है लेकिन, पीडि़त को मदद के नाम पर पुलिस को धमकाना अनुचित है। एक जमाना था जब जनप्रतिनिधियों के आचरण की दुहाई दी जाती थी। कहा जाता था कि बोलने-बतियाने और रहन-सहन का तरीका कोई उनसे सीखे। रिकार्ड तोड़ जीत के बाद सत्तारूढ़ होने जा रही भाजपा के विधायकों से गरिमा के अनुकूल आचरण की अपेक्षा है। उम्मीद है भाजपा नेतृत्व इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए विधायकों को मर्यादित आचरण की शिक्षा देगा।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]

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