जम्मू कश्मीर के सभी गांवों को बिजली से रोशन करने के निर्देश

केंद्रीय कैबिनेट सचिव का जम्मू कश्मीर के सभी गांवों को पच्चीस अप्रैल तक रोशन करने के निर्देश देना स्वागत योग्य कदम है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 18 Apr 2018 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 18 Apr 2018 01:20 PM (IST)
जम्मू कश्मीर के सभी गांवों को बिजली से रोशन करने के निर्देश
जम्मू कश्मीर के सभी गांवों को बिजली से रोशन करने के निर्देश

केंद्रीय कैबिनेट सचिव का जम्मू कश्मीर के सभी गांवों को पच्चीस अप्रैल तक रोशन करने के निर्देश देना स्वागत योग्य कदम है। नि:संदेह इससे दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित इन गांवो के लोगों को भी स्वतंत्रता के सात दशक बाद रोशनी नसीब होगी। इस समय सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक सौ दो गांवों ऐसे हैं जहां पर अभी तक बिजली की व्यवस्था नहीं हे। यह गांव किश्तवाड़, रामबन, रियासी, कुपवाड़ा, बांडीपोरा, लेह और कारगिल जिलों में हैं। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इनमें तय समय सीमा के भीतर बिजली की व्यवस्था करना आसान नहीं है। अच्छी बात यह है कि अगर कुछ विलंब से भी इन गांवों में बिजली पहुंचती है तो भी ग्रामीणों को कोई एतराज नहीं होगा। जम्मू कश्मीर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई गांवों में अभी तक संपर्क मार्ग भी नहीं हैं। लोगों को इन क्षेत्रों में पहुंचने के लिए घंटों पैदल यात्र करनी पड़ती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण इन क्षेत्रों के लोग पलायन कर जम्मू या फिर अन्य कस्बों और शहरों में आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जनसंख्या कम हो रही है।

राज्य सरकार की अपनी रिपोर्ट में इन तथ्यों का खुलासा हुआ है। यह प्रतिस्पर्धा का युग है और यहां पर किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए सुविधाओं की आवश्यकता पड़ती है। विडंबना यह है कि राज्य में पूर्व और वर्तमान की सरकारों ने कभी दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता पर नहीं लिया। यही कारण है कि गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय न मिल पाने के कारण भुगतना पड़ता है। यह अच्छी बात है कि अब राज्य सरकार शेष बचे क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए गंभीर नजर आ रही है और उसने चालीस प्रतिशत के करीब शेष बचे गांवों को भी पावर ग्रिड से जोड़ दिया है। मगर राज्य सरकार को साथ में यह भी सुनिश्चित बनाना होगा कि बिजली सप्लाई चौबीस घंटे हो। महज बिजली के कनेक्शन उपलब्ध करवाने से ही लोगों की समस्याएं दूर नहीं होगी। चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के प्रयास तभी फलीभूत होंगे जब लोग भी सरकार के साथ सहयोग करेंगे और अपने बिलों का भुगतान भी समय पर करेंगे।

[ स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर ]

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