ममता की निषेधाज्ञा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का केंद्र की मोदी सरकार के साथ विरोध जारी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 05 Apr 2017 03:43 AM (IST) Updated:Wed, 05 Apr 2017 03:48 AM (IST)
ममता की निषेधाज्ञा
ममता की निषेधाज्ञा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का केंद्र की मोदी सरकार के साथ विरोध जारी है। पिछले वर्ष नवंबर में हुई नोटबंदी के बाद से ममता आसमान सिर पर उठा रखी हैं। नोटबंदी के बाद से लगातार केंद्र सरकार के हर कदम का विरोध करती आ रही हैं। यहां तक कि सेना के अभ्यास को लेकर भी बंगाल से दिल्ली तक ममता और उनके दल के नेताओं ने हंगामा किया था। ममता ने अपने राज्य के सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को खुले मंच से निर्देश दिया था कि वह केंद्र सरकार द्वारा मांगी जा रही एक भी सूचना राज्य सचिवालय की अनुमति के बिना न भेजें। बावजूद इसके राज्य के कुछ अधिकारियों ने मोदी सरकार के साथ सीधे तौर पर संपर्क रखा। इसका प्रमाण मिलने के बाद से ममता काफी क्षुब्ध हैं। इसके बाद अब ममता ने लिखित रूप से सभी दफ्तरों को नोट भेज कर निषेधाज्ञा जारी की है कि उनकी अनुमति के बिना एक भी प्रशासनिक अधिकारी केंद्र के साथ तथ्यों या फिर अन्य जानकारियों का आदान-प्रदान न करें। हालांकि, केंद्र से संपर्क रखने पर अधिकारियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होगी इसका उल्लेख ममता द्वारा 21 मार्च जारी नोट में नहीं है। परंतु, यह स्पष्ट है कि ममता के आदेश नहीं मानने पर उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। आखिर ममता बनर्जी इस तरह की निषेधाज्ञा क्यों जारी कर रही हैं? पश्चिम बंगाल देश का एक राज्य है और केंद्र सरकार के अधीन है। संविधान में उल्लेखित संघीय ढांचे के अनुसार हर राज्य से सूचना लेने व देने का केंद्र सरकार को अधिकार है। फिर ममता ऐसा क्यों कर रही हैं? वह खुद बार-बार कहती रहती हैं कि केंद्र की मोदी सरकार संघीय ढांचे पर आघात कर रही है तो फिर यह क्या है? हमारे देश की गणतांत्रिक व्यवस्था में केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान के अनुरूप एक दूसरे का पूरक बताया गया है और है भी। क्योंकि, सबको पता है कि केंद्र के सहयोग के बिना किसी भी राज्य में विकास की गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी। केंद्र की ओर से विभिन्न विकास योजनाएं आम लोगों के लिए चलाई जा रही है। ममता ने उन योजनाओं का नाम भी बदल दिया है। बावजूद इसके केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई गई है। क्या बंगाल आर्थिक रूप से इतना सुदृढ़ है कि वह केंद्र के सहयोग के बिना राज्य में आम लोगों का विकास कर सके? यह बात मुख्यमंत्री को समझना होगा।
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(हाईलाइटर::: संविधान में उल्लेखित संघीय ढांचे के अनुसार हर राज्य से सूचना लेने व देने का केंद्र सरकार को अधिकार है। फिर ममता ऐसा क्यों कर रही हैं?)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]

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