खुदकशी की घटनाएं

किसानों की आर्थिक हालत सुधारने की योजनाओं पर सरकार को कार्य करना होगा। यह एक दिन में संभव नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 14 Jul 2017 03:01 AM (IST) Updated:Fri, 14 Jul 2017 03:01 AM (IST)
खुदकशी की घटनाएं
खुदकशी की घटनाएं

किसानों की आर्थिक हालत सुधारने की योजनाओं पर सरकार को कार्य करना होगा। यह एक दिन में संभव नहीं है।
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बेहद दुखद व चिंताजनक है कि अब यह खबरें आम हो चली हैैं कि पंजाब में किसी किसान ने कर्ज की अदायगी न कर पाने पर या आढ़ती से परेशान होकर खुदकशी कर ली। मालवा, माझा, दोआबा...सब क्षेत्रों में लगभग एक सी स्थिति है लेकिन मालवा में हालात ज्यादा खराब हैैं। खुदकशी की जो घटनाएं सामने आ रही हैैं, उनसे लगता है कि यहां किसान ज्यादा परेशान हैैं। वीरवार को मालवा में ही चार और किसानों ने जान दे दी। इनमें तीन कर्ज से व एक आढ़ती से परेशान था। विचलित करने वाली बात यह है कि किसानों द्वारा जान देने का यह सिलसिला थम नहीं रहा। किसानों की खुदकशी को सियासी, चुनावी मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस सरकार भी इसे फिलहाल रोक नहीं पाई है। यह इससे साबित होता है कि कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह की सरकार बनने के बाद राज्य में 109 किसान अब तक खुदकशी कर चुके हैैं। हालांकि ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि कांग्रेस सरकार इसके प्रति चिंतित नहीं है। सरकार ने किसानों के लिए कर्जमाफी का एलान किया था लेकिन हैरानी व चिंता की बात यह है कि उस एलान के बाद भी अब तक 29 किसान जान दे चुके हैैं। इससे लगता है कि या तो सिर्फ कर्जमाफी के एलान भर से ही किसान संतुष्ट नहीं हैैं या फिर वे कुछ और चाहते हैैं। यह सही है कि तात्कालिक तौर पर कर्जमाफी से उन किसानों को राहत मिलेगी जो इसके बोझ तले दब कर जिंदगी में घुटन महसूस कर रहे हैैं। किसानों की आर्थिक हालत सुधारने की योजनाओं पर सरकार को कार्य करना होगा। यह एक दिन में संभव नहीं है। यह भी जरूरी है कि किसानों की खुदकशी के वास्तविक कारण जाने जाएं। पिछले साल मालवा क्षेत्र में नरमे की फसल खराब होने के कारण सैकड़ों किसानों को खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने पड़े थे। इसका कारण यह था कि उन्हें जो कीटनाशक सप्लाई किए गए थे वे सही नहीं थे, यानी इसके पीछे एक बड़ा घोटाला... कीटनाशक घोटाला था। यह सब को मालूम है कि इस तरह के घोटाले किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं किए जा सकते। सरकारी तंत्र में बैठे लोगों की मिलीभगत के बिना ये संभव नहीं होते। कृषि, स्वास्थ्य या शिक्षा जैसे क्षेत्रों में जब घोटाले होते हैैं तो वे कई जिंदगियां सीधे-सीधे प्रभावित करते हैैं। इसलिए इन क्षेत्रों में तो हर स्तर पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]

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