किसानों की उम्मीद

ऐसे में पहाड़ के गांवों में सिंचाई की दिक्कत को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की दरकार है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Thu, 19 Oct 2017 04:27 AM (IST) Updated:Thu, 19 Oct 2017 04:27 AM (IST)
किसानों की उम्मीद
किसानों की उम्मीद

उत्तराखंड के 9.12 लाख किसानों के लिए यह दीपावली कुछ उम्मीद लेकर आई है। किसानों की आय दोगुना करने की केंद्र सरकार की पहल के क्रम में राज्य सरकार ने भी कोशिशें प्रारंभ कर दी हैं। इस कड़ी में किसानों को उनके घर के नजदीक ही वक्त पर खाद-बीज मुहैया कराने के साथ ही उत्पादों के विपणन को बाजार मुहैया कराने पर फोकस किया गया है। कलस्टर आधार पर खेती-बागवानी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्यभर में दो लाख किसानों को दो फीसद ब्याज दर पर एक-एक लाख रुपये के बहुद्देश्यीय ऋण मुहैया कराने का ऐलान किया गया है। इसके लिए सरकार जल्द ही जगह-जगह मेलों का आयोजन कर ऋण वितरित करेगी। इस ऋण से किसान खेती के साथ ही अन्य रोजगारपरक कार्यक्रम भी संचालित कर सकेंगे। यही नहीं, फलोत्पादकों को मौसम की मार से प्रतिवर्ष होने वाली हानि से राहत देने के मकसद से सरकार ने खुद की बीमा कंपनी बनाने का निश्चय किया है।

इसके लिए मंथन चल रहा है और जल्द ही यह आकार भी ले लेगी। और तो और राज्यभर में फसलों के पैटर्न में बदलाव के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। खेती में श्रम और समय जाया न हो, इसके लिए चकबंदी की कवायद चल रही है। निश्चित रूप से विषम भूगोल वाले इस राज्य के किसानों की दशा सुधारने को ये कदम सराहनीय माने जा सकते हैं। बावजूद इसके इस राह में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। असल में खेती-किसानी की दशा सुधारने के लिए पूर्व में कई योजनाएं शुरू की गईं, लेकिन ये परवान नहीं चढ़ पाईं। यदि ऐसा होता तो पिछले 17 साल में राज्यभर में एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील नहीं होती। इसके पीछे पलायन के साथ ही मौसम की मार, वन्यजीवों का खौफ जैसे बड़े कारण मुख्य हैं। मौसम के लिहाज से बात करें तो राज्य में 95 में से 71 विकासखंडों में खेती पूरी तरह इंद्रदेव की कृपा पर निर्भर है।

ऐसे में पहाड़ के गांवों में सिंचाई की दिक्कत को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की दरकार है। यही नहीं, रही-सही कसर पूरी कर दे रहे हैं जंगली जानवर, जो घरों की दहलीज तक धमकने के साथ ही खेतों में खड़ी फसलों को तबाह कर दे रहे हैं। इस सबके चलते कई बार तो फसल का दाना तक नसीब नहीं हो पाता और यह खेती से विमुख होने का बड़ा कारण भी है। ऐसे में खेती-किसानी की दशा सुधारने के मद्देनजर योजनाओं को धरातल पर आकार देने के लिए चुनौतियों पर भी ध्यान देना होगा।केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें हैं और उन्होंने किसानों की आय दोगुना करने को कई ऐलान किए है। इससे उत्तराखंड के किसान भी आशान्वित हैं।

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