बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा के प्रावधान को हरियाणा सरकार संशोधन करेगी

12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा के प्रावधान को हरियाणा सरकार संशोधन करने की तैयारी में है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 19 Mar 2018 11:35 AM (IST) Updated:Mon, 19 Mar 2018 11:35 AM (IST)
बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा के प्रावधान को हरियाणा सरकार संशोधन करेगी
बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा के प्रावधान को हरियाणा सरकार संशोधन करेगी

हरियाणा सरकार अपने उस प्रस्ताव में संशोधन करने की तैयारी में है, जिसमें उसने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा का प्रावधान किया है। सरकार का यह प्रस्ताव सराहनीय था। लेकिन इसमें संशोधन के बाद इसका दुरुपयोग किए जाने की आशंका बढ़ जाएगी। बच्चियों के साथ इस तरह के जो अपराध होते हैं, वे उन्हें साफ्ट टारगेट मान कर किए जाते हैं। उनके प्रति किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं बरती जा सकती। इसलिए उन्हें फांसी की सजा सर्वथा न्यायोचित है। लेकिन वयस्क महिलाओं के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा ज्यादा ही कठोर दंड हो जाएगा। प्रदेश में दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाने की घटनाएं रोज हो रही हैं।

रोहतक में शनिवार को एक महिला जब अदालत में दुष्कर्म के आरोप से मुकर गई तो अदालत ने उस पर ही केस दर्ज करने के आदेश दे दिए। हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों को लूटने के कई गिरोह सक्रिय है। ऐसी स्थिति में यदि दुष्कर्म के केस में फांसी या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया तो भयादोहन करने की घटनाएं बढ़ जाएंगी और निर्दोषों पर भी आरोप लगने लगेंगे। वे अदालत से भले छूट जाएं, लेकिन उन्हें निर्दोष होते हुए भी लंबा अरसा जेल में बिताना पड़ेगा, क्योंकि ऐसे गंभीर अपराधों में, जिसमें फांसी या आजीवन कारावास की सजा होती है, बामुश्किल हाई कोर्ट से ही जमानत मिल पाती है। सरकार को इनेलो और कांग्र्रेस को समझाने का प्रयास करना चाहिए, बजाय उनकी दलीलों के सहमत होने से, क्योंकि अभी जब इतने झूठे मुकदमे सामने आ रहे हैं तो संशोधन के बाद तो इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की घटनाएं और बढ़ जाएंगी।

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]

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