खतरनाक संकेत

इनके पीछे कहीं कोई ऐसी ताकत तो नहीं है जो अपने पंजे गहराई तक गड़ाने के लिए इनके माध्यम से जमीन की परख कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 04 Mar 2017 01:54 AM (IST) Updated:Sat, 04 Mar 2017 01:56 AM (IST)
खतरनाक संकेत
खतरनाक संकेत

लखीमपुर खीरी में देवी-देवताओं और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी का वीडियो बनाकर वायरल करने पर बवाल हो गया। इतना कि पूरे नगर कोतवाली क्षेत्र में कफ्र्यू लगाना पड़ गया। दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गये। बवाल बड़ा है, फिर भी एक दो दिन में हालात सुधर ही जाएंगे लेकिन, लोगों के दिलों में जो नफरत के अंकुर फूटे, वो कैसे समाप्त होंगे, नहीं कहा जा सकता। यह पहली घटना नहीं है। इन दिनों प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की होड़ सी मच गई है। इसे लेकर कहीं सांप्रदायिक भिड़ंत हो रही है तो कहीं नफरत की आग फैल रही है। आखिर ये कौन लोग हैं जो नफरत का जहर फैलाकर समाज को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं। मामले को महज प्रदेश में चल रहे चुनावों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि ये कुछ और ही है। एक तरफ असामाजिक तत्व रेलवे ट्रैक को क्षति पहुंचाकर ट्रेन हादसों को अंजाम देने की फिराक में हैं तो दूसरी ओर जहरीले वीडियो से समाज में हिंसा फैलाने का जतन कर रहे हैं। अचानक बड़े पैमाने पर इतनी खतरनाक प्रवृत्ति का उभार कुछ और ही संकेत दे रहा है। इन घटनाओं के निहितार्थ पर गंभीर चिंतन और मंथन की जरूरत है। देखने में यही आ रहा है कि कुछ युवा मोबाइल कैमरे से खुद ही वीडियो क्लिप तैयार कर उसे वाट्सएप या फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। इन वीडियो में न केवल सांप्रदायिक स्तर पर आपत्तिजनक बातें होती हैं, बल्कि नफरत का ऐसा गुबार भी होता है कि उसे देखते ही दूसरा पक्ष उत्तेजित हो जाता है। इस तरह की हरकत करने वाले ज्यादातर युवा ही हैं। सवाल है कि आखिर ये ऐसा क्यों कर रहे हैं। इन्हें ऐसा करने के लिए कौन उकसा रहा है। कहीं किसी बहकावे या लालच में आकर वे गुमराही के रास्ते पर तो नहीं बढ़ रहे हैं। इन भटके युवाओं की करतूतों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। न केवल इनकी हरकतों के निहितार्थ को समझने की जरूरत है, बल्कि इस बात की भी पूरी तरह खोजबीन होनी चाहिए कि इसके पीछे कौन लोग हैं? इनके पीछे कहीं कोई ऐसी ताकत तो नहीं है जो अपने पंजे गहराई तक गड़ाने के लिए इनके माध्यम से जमीन की परख कर रही है। इन असामाजिक तत्वों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। ताकि, कोई भी नापाक मंसूबा पनपने से पहले उसका सिर कुचला जा सके।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]

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