लॉकडाउन खत्म करने पर बन सकती है सहमति बशर्ते कोरोना वायरस का संक्रमण बेलगाम न होने पाए

कोरोना के खिलाफ लड़ाई के नायक स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की हिफाजत हर हाल में करनी होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 10 May 2020 09:26 PM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 12:02 AM (IST)
लॉकडाउन खत्म करने पर बन सकती है सहमति बशर्ते कोरोना वायरस का संक्रमण बेलगाम न होने पाए
लॉकडाउन खत्म करने पर बन सकती है सहमति बशर्ते कोरोना वायरस का संक्रमण बेलगाम न होने पाए

यह आशा की जाती है कि प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों से होने वाली आज की बातचीत में इस पर सहमति बनेगी कि कोरोना के साथ जीने का सिलसिला कैसे कायम किया जाए? जब यह स्पष्ट है कि अभी देश-दुनिया को कोरोना के साये में ही जीना होगा तब फिर उचित यही है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रूपरेखा बनाने में देर न की जाए। ऐसी कोई रूपरेखा तभी प्रभावी साबित होगी जब लॉकडाउन खत्म करने का फैसला किया जाएगा। वर्तमान परिस्थितियों में लॉकडाउन को और आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं बनता। लॉकडाउन को केवल इसलिए खत्म नहीं किया जाना चाहिए कि उसकी भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ रही है, बल्कि इसलिए भी किया जाना चाहिए कि अब उसके नुकसान अधिक और फायदे कम दिख रहे हैं।

यह लॉकडाउन जारी रहने का ही नतीजा है कि कारोबारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर आधे-अधूरे ढंग से ही अमल हो पा रहा है। न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकारों को भी इस पर गौर करना चाहिए कि बंदिशों के बीच उद्योग-व्यापार जगत अपना काम सही तरह नहीं कर सकता। हालांकि उद्योगों को उत्पादन की छूट देने की तैयारी से यह संकेत मिल रहा है कि लॉकडाउन को और विस्तार न देने का मन बनाया जा रहा है, लेकिन यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सतर्कता बरतने के नाम पर कारोबार जगत अनावश्यक बंदिशों से जकड़ा न रहे।

इससे इन्कार नहीं कि लॉकडाउन से बाहर आना एक चुनौती भरा काम होगा, लेकिन संभावित चुनौतियों का सामना करने के अतिरिक्त और कोई उपाय भी नहीं। यह सामना इस तरह किया जाना चाहिए जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण बेलगाम न होने पाए। लॉकडाउन खत्म होने की स्थिति में किसी को भी इस नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए कि अब शारीरिक दूरी का पालन करने, साफ-सफाई को लेकर सजगता दिखाने और सेहत के प्रति सतर्क रहने की जरूरत नहीं रह गई है। यह जरूरत अभी लंबे समय तक बनी रहेगी। इसी के साथ यह भी जरूरी होगा कि हॉट-स्पॉट कहे जाने वाले इलाकों में कुछ पाबंदियां जारी रहें और अस्पतालों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।

यह ठीक नहीं कि बीते कुछ दिनों से एक ओर जहां चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने के मामले बढ़े हैं वहीं दूसरी ओर उन मरीजों के भी जो किसी अन्य बीमारी का उपचार कराने अस्पताल गए थे। बेहतर हो कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर विशेष ध्यान दें कि स्वास्थ्यकर्मियों और साथ ही पुलिसकर्मियों को संक्रमण से कैसे बचाया जाए? कोरोना के खिलाफ लड़ाई के नायक यही हैं और इनकी हिफाजत हर हाल में करनी होगी। 

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