आग के खिलाफ

आग जैसी भी हो जहां भी हो, नुकसान ही करती है। इससे निपटने में हर पक्ष को तैयार व दक्ष होना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 08 May 2017 03:43 AM (IST) Updated:Mon, 08 May 2017 03:43 AM (IST)
आग के खिलाफ
आग के खिलाफ

-----------------
ब्लर्ब में
वन व वन्य प्राणियों के प्रति ऐसे लोगों का कोई सरोकार नहीं है जो घास की अच्छी पैदावार के लिए जंगल को आग में झोंकने से पहले कुछ नहीं सोचते
-------------------
आग जैसी भी हो जहां भी हो, नुकसान ही करती है। आग किसी को जख्म न दे पाए, इसेक लिए जरूरी है कि इससे निपटने में हर पक्ष को तैयार व दक्ष होना चाहिए। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में मौसम चाहे गर्मी का हो या सर्दी का, आग के कारण लाखों की संपत्ति राख के ढेर में बदलती रहती है। प्रदेश में आग से न वन सुरक्षित हैं और न ही घर। वन अमूल्य निधि होने के साथ ही हमारे जीवन का आधार भी हैं। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए जहां केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयासरत हैं, वहीं कई संस्थाएं भी पौधरोपण में अहम भूमिका निभा रही हैं। लेकिन वन और वन्य प्राणियों के प्रति ऐसे लोगों का कोई सरोकार नहीं है जो महज घास की अच्छी पैदावार के लिए जंगलों को आग में झोंकने से गुरेज नहीं करते। थोड़ा सा लालच न केवल प्रकृति का नुकसान करता है बल्कि कई निरीह जानवरों की असमय मौत हो जाती है। ऊना हो या कांगड़ा या बिलासपुर हर जगह जंगल दहक रहे हैं। पिछले कुछ साल से घरों व गोशालाओं में आग लगने की घटनाएं भी बेतहाशा बढ़ी हैं। घरों में आग लगने का बड़ा कारण लकड़ी के घर और उन घरों में सूखी घास व लकडिय़ों का रखा जाना है। बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण भी कई हादसे हुए हैं। आग की घटनाओं में नुकसान कम करने में बड़ी बाधा यह है कि अग्निशमन व्यवस्था उतनी पुख्ता नहीं है, जितनी होनी चाहिए। कहीं अग्निशमन की गाडिय़ों के चालक नहीं हैं तो कहीं गाडिय़ों की हालत ठीक नहीं है। बड़े क्षेत्र के लोगों को एक ही अग्निशमन केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है। कई इलाके ऐसे हैं, जो सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं और ऐसी आपदा की स्थिति में वहां तक अग्निशमन वाहन का पहुंचना नामुमकिन हो जाता है। ये ऐसी कमियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकारी स्तर पर संजीदगी से प्रयास करने ही होंगे। आग की घटनाएं रोकने का जिम्मा केवल सरकार का ही नहीं है बल्कि आम जनता भी समान जिम्मेदार है। जंगल में आग रोकने के लिए सबसे कारगर कदम यह हो सकता है कि सरकार गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले वनों से घास-फूस को नष्ट करवाना सुनिश्चित बनाए। घरों को सुरक्षित बनाने के लिए अंदर या आसपास घास व लकड़ी संग्र्रहण से बचना होगा व वायङ्क्षरग की जांच समय-समय पर करवानी होगी।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]

chat bot
आपका साथी