पश्चिम बंगाल में पूर्व पुलिस अफसर पर कार्रवाई

कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पुलिस अफसरों में से एक रहीं पश्चिम मेदिनीपुर जिले की पूर्व एसपी भारती घोष के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 04 Feb 2018 01:58 PM (IST) Updated:Sun, 04 Feb 2018 01:58 PM (IST)
पश्चिम बंगाल में पूर्व पुलिस अफसर पर कार्रवाई
पश्चिम बंगाल में पूर्व पुलिस अफसर पर कार्रवाई

कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पुलिस अफसरों में से एक रहीं पश्चिम मेदिनीपुर जिले की पूर्व एसपी भारती घोष के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले उन्हें एसपी पद से हटाकर कम महत्व वाले पद पर स्थानांतरित किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि भारती के खिलाफ और कोई कार्रवाई नहीं होगी लेकिन गुरुवार देर रात अचानक सीआइडी की टीम ने भारती और उनके करीबी पुलिस अफसरों के खिलाफ छापामारी अभियान शुरू कर दिया, जो शुक्रवार को भी जारी रहा। दावा किया गया कि भारती के करीबी के ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी व सोना बरामद हुए हैं। दूसरी तरफ इस पूर्व आइपीएस अफसर का कहना है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिस शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई सीआइडी ने शुरू की है, वह शिकायत हाल की नहीं है। यह नोटबंदी के कुछ दिनों बाद की है। जिस मामले में सीआइडी ने छापामारी की है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि भारती के करीबी माने जाने वाले कुछ पुलिस अफसरों ने नोटबंदी के दौरान कुछ लोगों से नए नोट के बदले सोना लिया था।

नोटबंदी हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी हुआ था। तब से लेकर दिसंबर, 2017 के तीसरे सप्ताह तक भारती एसपी के रूप में पश्चिम मेदिनीपुर जिले में तैनात थीं, फिर इतने दिनों के बाद पुरानी शिकायत पर अचानक अब कार्रवाई क्यों शुरू हुई, वह भी भारती के इस्तीफे के बाद? ऐसा क्या हुआ कि ममता की गुड बुक में शामिल पुलिस अफसर को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया गया? वैसे तो कई बातें हो रही हैं। कोई कह रहा है कि भारती ममता ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुकुल राय की भी करीबी हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में सबंग विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में अंदर ही अंदर उन्होंने मुकुल की मदद की थी, हालांकि इन आरोपों का सत्यापन नहीं हो सका है। यह वही भारती हैं, जो ममता को सार्वजनिक सभाओं में भी 'मां' कहकर संबोधित करती थीं। ऐसे में अचानक क्या हो गया कि मां की कृपा कार्रवाई में बदल गई? इसका जवाब आने वाला वक्त देगा।

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(हाइलाइटर ::: जिस शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई सीआइडी ने शुरू की है, वह शिकायत हाल की नहीं है। यह नोटबंदी के कुछ दिनों बाद की है।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]

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