जनता के बीच अपने भरोसे पर खरी उतरती उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार

योगी सरकार की नीतियों एवं उनके क्रियान्वयन को देखकर यह कहना अनुचित नहीं होगा कि योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश की जनता के बीच अपने भरोसे को मजबूती के साथ कायम रखा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 20 Mar 2020 01:02 PM (IST) Updated:Sat, 21 Mar 2020 08:23 AM (IST)
जनता के बीच अपने भरोसे पर खरी उतरती उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार
जनता के बीच अपने भरोसे पर खरी उतरती उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार

[आदर्श तिवारी]। UP Chief Minister Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के तीन वर्ष काफी अहम रहे हैं। इस सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो प्रदेश ही नहीं वरन देश में भी चर्चा के केंद्र बिंदु में रहे। कृषि के क्षेत्र में वर्षों से अटकी पड़ी सिंचाई योजनाओं को हरी झंडी देना हो अथवा निवेश के लिए इंवेस्टर समिट करना हो अथवा बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचल तक एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाना हो, उत्तर प्रदेश आज चौतरफा विकास के मार्ग पर है।

एंटी रोमियो स्क्वायड : सरकार गठित होने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के कर्ज को अपने वायदे के अनुसार माफ किया। एंटी रोमियो स्क्वायड के जरिये महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया। वहीं अवैध बूचड़खानों को बंद कराने के साथ ये सारे काम ऐसे त्वरित गति से होने लगे कि लोगों की उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बढ़ गई और आज जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे किए हैं तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि यह सरकार उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी के साथ काम कर रही है।

कानूनराज की वापसी : उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव हो सबसे बड़ा मुद्दा बिगड़ती कानून व्यवस्था का रहा है। आज यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अब उत्तर प्रदेश में कानूनराज की वापसी हुई है। सरकार ने अपराधियों, माफियाओं को पूरी तरह निशाने पर लिया और उनके हौसले को पस्त कर दिया। बिना किसी किंतु-परंतु के भाजपा नीत सरकार ने प्रदेश में राजनीतिक सह से जन्मे सांगठनिक अपराध शाखाओं को सबसे पहले ध्वस्त करने का काम किया। जिसके परिणामस्वरूप आपराधिक मानसिकता वाले लोगों के दिमाग में प्रशासन का भय बैठ गया, जिसमें पुलिस की चुस्ती और योगी की कड़क छवि दोनों ने कारगर छाप छोड़ी।

समूचे प्रदेश में आज अपराध के आंकड़े में 2016 के मुकाबले 30 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के इतर कानून व्यवस्था को व्यावहारिक ढंग से समझने के लिए हमारे पास दो बड़े उदाहरण मौजूद हैं। प्रयागराज में आयोजित कुंभ के दौरान 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना कठिन काम होता है, कई बार ऐसे आयोजनों में अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी की बदौलत कुंभ न केवल सुरक्षा की दृष्टि से कामयाब रहा, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार को वैश्विक स्तर पर भी प्रशंसा हासिल हुई।

अयोध्या पर आने वाला फैसला : दूसरा और सबसे संवेदनशील मामला राममंदिर निर्माण का फैसला था। सुप्रीम कोर्ट जब यह फैसला सुनाने वाला था, तब सभी के जेहन में यही सवाल था कि इस फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया कैसी होगी। अयोध्या पर आने वाला फैसला हवा में एक अजीब प्रकार का भय फैला रहा था। सबके मन में यही संशय था कि कोई अराजक घटना न घटे। ऐसा सोचना स्वाभाविक भी था, क्योंकि यह फैसला दो समुदायों की भावनाओं को प्रभावित करने वाला था, किंतु फैसले के बाद समूचे प्रदेश में एक भी अप्रिय घटना सुनाई नहीं दी। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था में सुधार के दावे की अग्निपरीक्षा थी, जिसमें प्रदेश प्रशासन ने अनुकरणीय सफलता हासिल की।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश में कई जगह हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसक भीड़ कानून व्यवस्था को हाथ में लेने से पीछे नहीं हट रही थी, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत अल्प समय में इस पर काबू तो पाया ही, साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही उसकी भरपाई करने की अभूतपूर्व लड़ाई लड़ी तथा अंत में उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक एवं प्राइवेट प्रॉपर्टी कानून बनाकर यह साबित कर दिया कि विरोध के नाम पर हिंसा की साजिश रच सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की अब खैर नहीं है।

सेहत में सुधार: स्वास्थ्य व्यक्ति की मूलभूत सुविधाओं में सबसे पहले आता है। हर सरकार का दायित्व होता है कि वह अपने राज्य के नागरिकों को स्वस्थ रखे। योगी सरकार ने इस दायित्व का बड़ी कुशलता से निर्वहन किया है। योगी की तमाम चुनौतियों में से एक बड़ी चुनौती इंसेफेलाइटिस से निपटना था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस चुनौती को लेकर गंभीर प्रयास किए, जिसका असर अब दिखने लगा है। राज्य में इंसेफेलाइटिस के मामलों में 56 फीसद की कमी आने के साथ-साथ इस जानलेवा बीमारी से होने वाली मौत के आंकड़े में भी 81 फीसद की कमी आई है। जो दर्शाता है कि योगी सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की सेहत को दुरुस्त करने का काम किया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का भी सफल क्रियान्वयन राज्य में हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अभी तक एक करोड़ 18 लाख परिवार लाभान्वित हुए हैं। इसके साथ ही सबसे बड़ा काम प्रदेश के 21 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। इससे न केवल प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य की सुविधा मिलेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। योगी सरकार की नीतियों एवं उनके क्रियान्वयन को देखकर यह कहना अनुचित नहीं होगा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश की जनता के बीच अपने भरोसे को मजबूती के साथ कायम रखा है।

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