छत्तीसगढ़ डायरी : हंसी उड़वा गई वह बेमौके की हंसी

छत्तीसगढ़ में बेमौके की एक हंसी भाजपा के लिए भारी पड़ गई है। हंसी उठी भी तो अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में। मिनटों में पूरे देश में फैल गई।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 25 Aug 2018 12:30 PM (IST) Updated:Sat, 25 Aug 2018 12:30 PM (IST)
छत्तीसगढ़ डायरी : हंसी उड़वा गई वह बेमौके की हंसी
छत्तीसगढ़ डायरी : हंसी उड़वा गई वह बेमौके की हंसी

[आलोक मिश्रा]। हंसी तो नियामत कही जाती है। हंसने से कोई किसी को नहीं रोक सकता, लेकिन हर जगह हंसा भी नहीं जा सकता। ऐसी हंसी किरकिरी ही कराती है। छत्तीसगढ़ में बेमौके की एक हंसी भाजपा के लिए भारी पड़ गई है। हंसी उठी भी तो अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में। मिनटों में पूरे देश में फैल गई। विपक्ष को अंगुली उठाने का मौका मिल गया। चूंकि हंसी मंत्रियों की थी इसलिए प्रदेश नेतृत्व कुछ कहने की स्थिति में भी नहीं है, सिवाय चुप्पी साधने के। मंत्री कद्दावर हैं इसलिए किनारा भी करने की स्थिति नहीं है। इस पर उठ रहे सवाल का कोई जवाब भी नहीं है उनके पास।

छत्तीसगढ़ में कुछ महीने बाद चुनाव हैं। पिछले पंद्रह साल से भाजपा सत्ता में काबिज है। हर चुनाव में कांग्रेस वोटों के मामले में भाजपा के करीब पहुंचती जा रही है। इस बार कांग्रेस को भी आस है। चूंकि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था इसलिए रमन सिंह सरकार ने इसे भावनात्मक रूप देने का मन बना लिया। दिल्ली से ही मुख्यमंत्री ने ‘मेरा तो निर्माता ही चला गया’ का संदेश जारी किया। लौटकर आने पर आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। रायपुर से बाहर बन रही नई राजधानी ‘नया रायपुर’ का नाम अटल नगर कर दिया गया।

कॉलेज-विश्वविद्यालय, सड़क से लेकर कवियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार तक उनके नाम से हो गए। चुनाव पूर्व अपनी आखिरी विकास यात्रा निकालने जा रहे रमन सिंह ने अब उसे ‘अटल यात्रा’ का रूप दे दिया है। यात्रा के दौरान उनके उस भाषण को सुनाया जाएगा, जिसमें उन्होंने राज्य बनाने का वादा किया था। अटल के वर्ष 2025 के छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा करने का भाव जगाया जाएगा। यह सब तय करने के बाद अस्थि कलश आया, प्रार्थना सभा आयोजित की गई।

गमगीन से माहौल में मंच का एक कोना खिलखिलाया। ये ठिठोली राज्य के कद्दावर मंत्रियों बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर की थी। बगल से प्रदेश अध्यक्ष उनका हाथ दबाते रहे, लेकिन खिलखिलाहट नहीं थमी। हालांकि यह घटनाक्रम बहुत थोड़ी देर का था, लेकिन भारी पड़ गया। देश भर में वीडियो वायरल हो गया। उन्हीं मंत्रियों से अस्थि कलश विसर्जन करवा कर भले ही प्रकट रूप में भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की कि वह इसे तवज्जो नहीं देती, लेकिन भीतर ही भीतर इसकी चोट महसूस कर रही है। इस तरह की इक्का-दुक्का घटनाएं और भी हो गई हैं। ठिठकी खड़ी कांग्रेस को बोलने का मौका मिल गया, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने यह कहकर चिकोटी काटी कि सच्चाई सामने आ गई। पार्टी में ऐसे नेताओं से किनारा करने की आवाज तक बुलंद होने लगी है।

पहले अमित शाह का 22 अगस्त को दौरा निर्धारित था। अटल जी के निधन के कारण यह टल गया। दोबारा तारीख 24 अगस्त की गई, लेकिन वह भी टल गई है। अटल जी के निधन से पहले प्रदेश ने अपने राज्यपाल बलराम जी दास टंडन को खो दिया था। सुबह तबीयत बिगड़ी और शाम होते-होते बुरी खबर आ गई। मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन को यहां का भी कार्यभार सौंप दिया गया है। रमन सिंह उधर उनकी अंत्येष्टि में चंडीगढ़ में थे, इधर दिल्ली में अटल जी की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। शाम को देश भर में राष्ट्रीय ध्वज झुकाने के निर्देश जारी हो गए।

गमगीन माहौल से पहले राहुल गांधी के दौरे ने कांग्रेसियों में हवा भरी। कम समय में तगड़ा संदेश देने की कोशिश हुई, लेकिन मोबाइल फोन ‘बीएचइएल’ से खरीदने की रमन सरकार को सलाह देकर राहुल तगड़ा मुद्दा दे गए। इस किरकिरी पर किसी तरह पानी डाला गया और टिकटों के लिए सहमति बनाने की कोशिश शुरू हो गई है, लेकिन महत्वाकांक्षा उस पर भारी पड़ रही है। दावेदार मानते नहीं दिख रहे, विरोध व जुगाड़ के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाने लगे हैं। ब्लॉक संगठनों की संख्या बढ़ा दी गई है। अजीत जोगी की पार्टी में भगदड़ सी स्थिति है। बड़े नेता पलायन कर रहे हैं। सपा ने कांग्रेस से समझौते की बात कह रही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से हाथ मिला लिया है और बसपा कम सीटों पर कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार नहीं है। फिलहाल मौजूदा स्थिति कळ्छ ऐसी ही है।

डेंगू का डंक

इन सबके बीच भिलाई और दुर्ग में डेंगू का कहर फैला हुआ है। अब तक 27 लोग काल के गाल में समा गए हैं। इससे निपटने के हर संभव प्रयास हो रहे हैं, लेकिन राहत के हालात अभी नहीं पैदा हो सके हैं। वहीं इस इलाके में जापानी इंसेफ्लाइटिस के वायरस भी मिल गए हैं। इसे गंभीरता से लिया गया है।

[राज्य संपादक नईदुनिया] 

chat bot
आपका साथी