कोरोना से मृतकों के शव श्मशान से न लौटाए जाएं : हाई कोर्ट

कोरोना की वजह वजह से मरने वालों के अंतिम सरकार करने के संबंध में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि स्थिति को बेहतर करने के लिए अंतिम संस्कार के समय को बढ़ाया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि गुरुवार को 2

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 07:28 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:28 PM (IST)
कोरोना से मृतकों के शव श्मशान से न लौटाए जाएं : हाई कोर्ट
कोरोना से मृतकों के शव श्मशान से न लौटाए जाएं : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कोरोना की वजह से मरने वालों के अंतिम सरकार करने के संबंध में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि स्थिति को बेहतर करने के लिए अंतिम संस्कार के समय को बढ़ाया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि गुरुवार को 28 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि बचे हुए 35 शवों का अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा। सिर्फ उन्हीं शवों को रखा गया है, जिनका पोस्टमार्टम होना बाकी है।

बृहस्पतिवार को कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार एवं शवगृह में शवों को रखने के लिए सुविधाओं की कमी के मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने स्वत: जनहित याचिका शुरू की थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं बननी चाहिए और कोई भी शव श्मशान घाट से वापस नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार व तीनों नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे मामले में विस्तृत रिपोर्ट दें। याचिका पर अगली सुनवाई 2 जून को होगी।

दिल्ली सरकार के एडिशनल स्टैंडिग काउंसल संजय घोष ने पीठ को बताया कि स्थिति को ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल को शवों के अंतिम संस्कार के लिए पचकुंइया एवं पंजाबी बाग में भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सीएनजी एवं बिजली से अंतिम संस्कार के साथ ही लकड़ियों से अंतिम संस्कार की भी अनुमति दे दी गई है। इसके लिए कर्मचारियों को पीपीई किट भी उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही अंतिम संस्कार की समय सीमा सुबह 9 बजे से शाम चार बजे से बढ़ाकर सुबह सात बजे से रात दस बजे तक कर दी गई है।

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