...और अनाथ बच्‍चे को कैसे मिला स्‍पेनिश मां का सहारा - जरूर पढ़ें

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अनाथ मिले चार वर्षीय बच्चे को तीस हजारी कोर्ट ने स्पेनिश महिला को गोद देने की सशर्त अनुमति प्रदान की है। जिला जज अनु मल्होत्रा ने महिला को दस लाख के निजी मुचलके, बच्चे की शिक्षा, रहन-सहन की पूरी देखरेख करने व जरूरत पडऩे पर

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2015 01:54 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2015 11:53 AM (IST)
...और अनाथ बच्‍चे को कैसे मिला स्‍पेनिश मां का सहारा - जरूर पढ़ें

नई दिल्ली। अनाथ बच्चे को आखिरकार स्पेनिश मां का सहारा मिल गया। दरअसल, इस स्पेनिश युवती को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक चार वर्षीय बच्चा मिला। दिल्ली पुलिस उसे अपने साथ लाई। लेकिन स्पेनिश युवती की नजर उस बच्चे पर पड़ी और उसने उसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की। यह मामला अदालत पहुंचा और स्पेनिश युवती की मेहनत रंग लाई। शर्तों के साथ उस मासूम को स्पेनिश युवती के हवाले कर दिया गया।

इस तरह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अनाथ मिले चार वर्षीय बच्चे को तीस हजारी कोर्ट ने स्पेनिश महिला को गोद देने की सशर्त अनुमति प्रदान की है। जिला जज अनु मल्होत्रा ने महिला को दस लाख के निजी मुचलके, बच्चे की शिक्षा, रहन-सहन की पूरी देखरेख करने व जरूरत पडऩे पर भारत व अदालत के समक्ष लाने की अनिवार्यता रखते हुए यह अनुमति दी है।

अदालत ने कहा कि महिला ने यह लिखित आश्वासन दिया है की वह बच्चे की पूरी तरह से देखरेख करेगी। यह बच्चे के हित में भी है कि उसे स्पेन, बार्सिलोना महिला के घर ले जाने की अनुमति दे दी जाए।

पेश मामले में चिल्ड्रन विलेज ऑफ इंडिया चेरिटेबल सोसायटी ने अर्जी दायर की थी। अर्जी में स्पेन निवासी नतालिया फ्लोच मुलेरो (46) को बच्चे को गोद देने व स्पेन ले जाने की अनुमति मांगी गई थी। महिला को मई 2012 में बच्चा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिला था। पुलिस ने बच्चे को सोसायटी को सौंप दिया था। सोसायटी के पास बच्चे को लेने कोई नहीं आया था।

इसके बाद उसे अनाथ घोषित कर गोद देने के लिए मुक्त कर दिया गया था। अर्जी में बताया गया था कि महिला की शादी नहीं हुई है और वह प्राइवेट नौकरी करती है। उसकी अच्छी खासी आमदनी है, जो दोनों के जीवनयापन के लिए पर्याप्त है।

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