कोटला में टी-20 वर्ल्ड कप मैच कराने को लेकर फंसा पेंच
आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान फिरोजशाह कोटला मैदान में मैच कराने को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा जरूरी अनुमति पत्र नहीं देने से एक बार फिर पेंच फंस गया है।
नई दिल्ली। आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान फिरोजशाह कोटला मैदान में मैच कराने को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा जरूरी अनुमति पत्र नहीं देने से एक बार फिर पेंच फंस गया है। दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की याचिका पर हाई कोर्ट ने एसडीएमसी से पूछा कि क्या वह मैच कराने के लिए डीडीसीए को जरूरी अनुमति दे सकता है।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विभू बखरू की खंडपीठ के समक्ष डीडीसीए ने कहा कि वह तीन सप्ताह के भीतर सभी शर्तों को पूरा कर लेगा। खंडपीठ ने एसडीएमसी से पूछा है कि क्या वह डीडीसीए के शपथ पत्र पर भरोसा करके मैच कराने के लिए अनिवार्य अनापत्ति पत्र दे सकती है या नहीं।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि स्टेडियम में मैच देखने के लिए आने वाले लोगों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। डीडीसीए को सशर्त अंतिम अनुमति पत्र नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि मैच के दौरान यदि किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो तय नियमों के पूरा न होने की बात का बहाना बनाया जाएगा। मैच से पहले डीडीसीए को सर्वोच्च मानकों को पूरा करना चाहिए।
अदालत की यह टिप्पणी डीडीसीए की तरफ से पेश वकील संगम पटनायक की उस दलील पर आई, जिसमें कहा गया था कि मंगलवार तक बीसीसीआइ को अंतिम जवाब देना है कि फिरोजशाह कोटला में मैच कराया जा सकता है या नहीं। टिकट मंगलवार से ही बिकनी शुरू हो जाएंगी। अदालत ने कहा कि बीसीसीआइ को जवाब देने से पहले ही अनिवार्य मानको को पूरा कर लेना चाहिए था। जब स्टेडियम तैयार ही नहीं है तो टिकट कैसे बेच सकते हैं। खंडपीठ ने डीडीसीए से कड़े शब्दों में कहा कि वह बीसीसीआइ को इंतजार करने के लिए कहे।
नही दूर की गईं कमियां
एसडीएमसी की तरफ से पेश वकील गौरंग कांथ ने कहा कि पांच फरवरी को डीडीसीए ने उन्हें प्लान सौंपा, जिसके आधार पर छह फरवरी को स्टेडियम का निरीक्षण किया गया। बताई गई कमियों को दूर करने को लेकर केवल 40 फीसद काम हुआ है। इस पर डीडीसीए ने कहा कि हमने 80 फीसद काम कर लिया है। यदि 40 फीसद काम हुआ है, तब भी तीन सप्ताह में सभी काम निपटाने के शपथ पत्र के आधार पर एसडीएमसी चाहे तो मैच कराने की अनुमति दे सकती है।
इसलिए हाथ से निकला 12 फरवरी का मैच
अदालत को बताया गया कि एसडीएमसी को प्रॉपर्टी टैक्स के रूप मे 50 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। 12 फरवरी को भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले टी-20 मैच के लिए एसडीएमसी ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया था। इस कारण मैच हमारे हाथ से निकल गया था। डीडीसीए ने अदालत से अनुरोध किया कि वह एसडीएमसी को फिरोजशाह कोटला मैदान में मैच कराने को लेकर अपनी अनापत्ति पत्र देने के आदेश दे।