राष्ट्रहित में लेते रहेंगे मुश्किल फैसले : मोदी

-द्वारका सेक्टर 25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर का किया शिलान्यास -अ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 09:29 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 09:29 PM (IST)
राष्ट्रहित में लेते रहेंगे मुश्किल फैसले : मोदी
राष्ट्रहित में लेते रहेंगे मुश्किल फैसले : मोदी

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार राष्ट्रहित में कठिन फैसले लेने में भी नहीं हिचकती है। देश में हो रहे चौतरफा विकास की यही वजह है। इस सरकार के लिए देशहित सर्वोपरि है। देश व जनहित में मुश्किल फैसले लेने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इन प्रयासों से अगले चार वर्षो में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार पाच लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। इसमें कृषि और मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी एक लाख करोड़ डॉलर का होगा।

प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आइआइसीसी) का शिलान्यास किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय का फैसला किया है। विलय के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।

पिछले कुछ वर्षो से देश में बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की जो परंपरा शुरू हुई है, यह सेंटर उसी का विस्तार है। सबसे लंबी सुरंग का निर्माण, समुद्र पर सबसे बड़े पुल का निर्माण, सबसे बड़ी गैस पाइपलाइन, स्वच्छ भारत के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा जन आदोलन, ये कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिनसे दुनिया में भारत का नाम ऊंचा हुआ। जल्द ही सरकार दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत शुरू करने जा रही है। ये तमाम कार्य 21वीं सदी के भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केंद्र देश के 80 करोड़ युवाओं की ऊर्जा का केंद्र बनेगा। आज भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह सेंटर उन सभी युवाओं के लिए एक प्लेटफार्म बनेगा जो नवाचार के क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं। यह पाच लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण होने से हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए उचित स्थान उपलब्ध हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फीसद की दर से विकास करेगी जिससे भारी मात्रा में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खासतौर पर आइटी और रिटेल में नई नौकरिया बनेंगी। उन्होंने कहा देश की अर्थव्यवस्था का बुनियादी आधार बेहद मजबूत है। सरकार के मेक इन इंडिया अभियान का ही नतीजा है कि आज देश में इस्तेमाल हो रहे मोबाइल फोन में 80 फीसद देश में ही बन रहे हैं। इससे देश को तीन लाख करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि इस कन्वेंशन हॉल में दस हजार व्यक्ति बैठ सकेंगे। इस लिहाज से देखें तो यह दुनिया में पाचवा व एशिया में तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होगा। दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से जिस स्तर की उम्मीद लोग करते हैं, वह सभी सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस केंद्र के बनने से भारत में काफ्रेंस टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं पैदा होंगी। दुनिया में हमारी पहचान होगी। आने वाले समय में दिल्ली के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी आइआइसीसी जैसे निर्माण होंगे ताकि देश में काफ्रेंस टूरिज्म का एक माहौल बने।

शिलान्यास समारोह में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सीआर चौधरी भी उपस्थित थे।

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