पूर्वोत्तर में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अनसुने नायक को आप भी जानिए,पढ़िए पूरी खबर

कालिंदी कालेज में एक भारत श्रेष्ट भारत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का थीम एक्सप्लोरिंग द अनएक्सप्लोर्ड नार्थ ईस्ट इंडिया था। इसके तहत असम और नागालैंड के बारे में छात्राओं को बताया गया। साथ ही पेंटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 07:06 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 07:17 PM (IST)
पूर्वोत्तर में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अनसुने नायक को आप भी जानिए,पढ़िए पूरी खबर
कालिंंदी कालेज में एक भारत श्रेष्ट भारत कार्यक्रम के तहत मौजूद वक्ता।

नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय संबद्ध कालिंदी कालेज में एक भारत श्रेष्ट भारत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का थीम "एक्सप्लोरिंग द अनएक्सप्लोर्ड नार्थ ईस्ट इंडिया' था। इसके तहत असम और नागालैंड के बारे में छात्राओं को बताया गया। कार्यक्रम के तहत ना केवल आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए बल्कि छात्राओं के लिए कविता पाठ, पेंटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

उत्तर पूर्व भारत में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अनसुने नायक: असम और नागालैंड पर एक परिप्रेक्ष्य" विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सिलचर के सांसद डा. राजदीप राय और मुख्य वक्ता की भूमिका में डिब्रूगढ़ विवि के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. रक्तिम पातर शामिल हुए।

कालिंदी कालेज की प्राचार्या प्रो. नैना हसीजा ने स्वागत भाषण में पूर्वोत्तर के राज्यों के बारे में विस्तार से बताया। सांसद डा. राजदीप रॉय ने पूर्वोत्तर के स्वतंत्रता सेनानियों का याद किया। डा. रक्तिम पातर ने अपने व्याख्यान में पूर्वोत्तर भारतीय इतिहास को रामायण काल से भारतीय संस्कृति का अंग बताया और कहा कि ब्रिटिश औपनिवशिकरण ने अपनी साम्राज्यवादी इरादे से नार्थ ईस्ट को एक अलग इकाई के रूप में प्रस्तुत किया।

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