यादव सिंह 2 साबित हो सकते हैं यशपाल त्यागी, हजारों करोड़ रुपये का मालिक होने की चर्चा

यशपाल त्यागी की राजनीतिक गलियारों में अच्छी रसूख और जान-पहचान रही है। लोग कहते हैं कि त्यागी ने अपनी इस पहचान का जमकर फायदा उठाया।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Fri, 21 Apr 2017 03:38 PM (IST) Updated:Fri, 21 Apr 2017 10:35 PM (IST)
यादव सिंह 2 साबित हो सकते हैं यशपाल त्यागी, हजारों करोड़ रुपये का मालिक होने की चर्चा
यादव सिंह 2 साबित हो सकते हैं यशपाल त्यागी, हजारों करोड़ रुपये का मालिक होने की चर्चा

नोएडा (जेएनएन)। नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी यशपाल त्यागी के यहां सर्वे के दौरान आयकर विभाग की टीम भी नकदी, गहने, महंगी गाडि़यां और ऐशो-आराम के अन्य सामान देखकर दंग रह गई। कुछ इसी तरह के सामान जिले के तीनों प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के यहां भी मिले। कहा जा रहा है कि यशपाल त्यागी दूसरे यादव सिंह साबित हो सकते हैं।

सूत्र बताते हैं कि जिस प्रकार से आयकर विभाग की कार्रवाई यशपाल त्यागी के खिलाफ चल रही है, इसकी आंच नोएडा प्राधिकरण के दो सीईओ क्रमश: मोहिंदर सिंह और रमा रमण तक आ सकती है। माया सरकार में आवंटन में यशपाल त्यागी और टेंडर में यादव सिंह का बोलबाला था। अब आयकर सर्वे के बाद दोनों से भी पूछताछ संभव है।

संपत्ति का आकलन जारी

अभी यशपाल त्यागी के पास कितनी दौलत और संपत्ति है। इसकी जांच चल रही है। आयकर विभाग की ओर से सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है, लेकिन दबी जुबान इस बात की चर्चा है कि त्यागी हजारों करोड़ रुपये का मालिक है।

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राजनीतिक रसूख के बूते बने शहंशाह

यशपाल त्यागी की राजनीतिक गलियारों में अच्छी रसूख और जान-पहचान रही है। लोग कहते हैं कि त्यागी ने अपनी इस पहचान का जमकर फायदा उठाया। मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समय वर्ष 2007 में यशपाल त्यागी की नोएडा प्राधिकरण में एंट्री हुई थी। बाद में वह यादव सिंह के सबसे करीबी बन गए और उनके जरिये माया सरकार में अपनी पहुंच बनाई। बसपा सरकार के खास नुमाइंदे हो गए।

अन्य कई घोटालों में आ सकते हैं नाम

प्राधिकरण में तैनाती के दौरान यशपाल त्यागी यहां के सबसे ताकतवर अधिकारियों में से एक माने जाते थे। उनसे मिलने के लिए प्राधिकरण में लोगों की लाइन लगी रहती थी। फार्म हाउस और जमीन आवंटन जैसे बड़े घोटालों में तो उनपर आरोप लगा ही। साथ ही बसपा सरकार में यहां समय कॉरपोरेट, संस्थागत, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, वाणिज्यक आवंटन में भी मनमानी के आरोप लगे। अब कहा जा रहा है कि जिस तरीके से आयकर विभाग ने सर्वे किया है, यशपाल त्यागी का नाम अन्य कई घोटालों में भी आ सकता है।

खुद छोड़ दी थी नौकरी

यशपाल त्यागी ने वर्ष 2012 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद खुद ही अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। पिछले पांच सालों के दौरान यशपाल त्यागी का कुछ पता नहीं था। अब आयकर सर्वे के बाद एक बार फिर वह चर्चा में आ गए हैं। दबी जुबान में चर्चा है कि यशपाल त्यागी पर कार्रवाई थोड़ा देरी से शुरू हुई। पूछताछ के दौरान उनके कई अहम सुराग मिल सकते हैं और कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं।
 
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