ऋण को भी फंड बता रही है दिल्ली सरकार, गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल: विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार चाहती है कि नगर निगमों का वित्तीय रूप से गला घोंट दिया जाए ताकि ये कोई विकास कार्य न कर सके और इनकी बदनामी हो।

By Edited By: Publish:Mon, 08 Oct 2018 08:27 PM (IST) Updated:Mon, 08 Oct 2018 08:56 PM (IST)
ऋण को भी फंड बता रही है दिल्ली सरकार, गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल: विजेंद्र गुप्ता
ऋण को भी फंड बता रही है दिल्ली सरकार, गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल: विजेंद्र गुप्ता

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। नगर निगमों का कहना है कि दिल्ली सरकार उन्हें उनका हिस्सा नहीं दे रही है, जिससे उनकी वित्तीय हालत खराब हो गई है। अब भाजपा ने भी दिल्ली सरकार पर निगमों को दिए जाने वाले फंड को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल 
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जारी किए गए फंड को लेकर गलत आंकड़े पेश करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

दुष्प्रचार कर रही है दिल्ली सरकार 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार यह दुष्प्रचार कर रही है कि उसने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को वर्ष 2016-17 में 950 करोड़ रुपये दिए थे। इसके विपरीत सच्चाई यह है कि सरकार ने मात्र 604 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है, शेष 331 करोड़ रुपये निगम को ऋण दिया गया है। इस राशि पर सरकार निगम से 10.50 फीसद ब्याज वसूल कर रही है। सरकार ने निगमों को योजना मद के तहत दी जाने वाली राशि भी बंद कर दी है। वर्ष 2017-18 में योजना मद के तहत निगमों को 1228 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि इस वर्ष कोई राशि नहीं दी गई है।

दिल्ली में सियासी लाभ लेना चाहती है 'आप' 
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि चौथे वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार, पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 27.50 फीसद ग्लोबल शेयर मिलना चाहिए, लेकिन सरकार उसे 20 फीसद ही दे रही है। उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार चाहती है कि नगर निगमों का वित्तीय रूप से गला घोंट दिया जाए ताकि ये कोई विकास कार्य न कर सके और इनकी बदनामी हो। केजरीवाल सरकार ऐसा दिल्ली में सियासी लाभ हासिल करने के लिए कर रही है।

काम बाधित हो रहा है
भाजपा नेता ने कहा कि योजना मद में फंड नहीं दिए जाने के कारण अनधिकृत कॉलोनियों की सफाई, यमुनापार विकास बोर्ड के माध्यम से किए जाने वाले काम, घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने की योजना, लैंडफिल साइटों के रखरखाव, झुग्गी बस्तियों के विकास व सफाई, सड़कों के रखरखाव व सुंदरीकरण का काम बाधित हो रहा है।

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