प्रभुपाद जी महराज ने दुनिया में वैदिक साहित्य का प्रचार-प्रसार किया: अनुराग ठाकुर
आज से 25 वर्ष पूर्व देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने श्री राधा पार्थसारथी मंदिर का उद्घाटन किया था। इस भव्य मंदिर के निर्माण के पीछे एक लंबा संघर्ष है। मंदिर के निर्माण व इसकी भूमि के लिए लाल कृष्ण आडवाणी व वाजपेयी ने बड़ा योगदान दिया था।
नई दिल्ली [रमेश मिश्रा]। आज से 25 वर्ष पूर्व देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने श्री राधा पार्थसारथी मंदिर का उद्घाटन किया था। इस भव्य मंदिर के निर्माण के पीछे एक लंबा संघर्ष है। मंदिर के निर्माण व इसकी भूमि के लिए लाल कृष्ण आडवाणी व वाजपेयी ने बड़ा योगदान दिया था। आज 25 वर्ष के बाद इस मंदिर की रजत जयंती मनाने का अवसर मिल रहा है, लेकिन यह सोच किसकी थी।
हमारे प्रभुपाद जी महराज 1965 में अमेरिका गए और 1966 में न्यूयार्क में इस्कान मंदिर की स्थापना की। आज इस्कान ने दुनिया में 750 मंदिर बनाने का काम किया है। स्वामी जी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फार कृष्णा की स्थापना की थी। इसके जरिए दुनिया में हरे रामा, हरे कृष्णा आंदोलन को आगे बढ़ाया।
इसके पीछे मकसद यह था कि दुनिया में वैदिक साहित्य का प्रचार-प्रसार किया जा सके। उक्त बातें श्रीराधा पार्थसारथी मंदिर के रजत जयंती के मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय खेल व युवा मामलों एवं सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कही।
इस मौके पर ईस्ट आफ कैलाश स्थित इस्कान मंदिर में यूथ फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 50 से ज्यादा कालेज के पांच हजार से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया। इस मौके पर गोपाल कृष्ण गोस्वामी महराज, राधा-रमण स्वामी जी महराज, वद्री नारायण स्वामी महराज, वृजहरि प्रभु जी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि यह वर्ष हमारे देश के लिए गौरव का है। भारत जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। भारत ने इसकी थीम वसुधैव कुटुंबकम रखा है। यह थीम भारत की संस्कृति है, भारत की परंपरा है। योग की परंपरा भी भारत की है। हमारे देश का पूरा सामाजिक ताना-बाना भक्ति आंदोलन से प्रेरित है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय योग को दुनिया में स्थापित किया।
21 जून को पूरी दुनिया में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीव मात्र का कल्याण ही हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारे अनुष्ठानों का भी यही मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि विदेश की धरती में जब लोग हरे रामा, हरे कृष्णा कहते हैं तो बहुत गर्व होता है।
आज जब संपूर्ण विश्व आतंकवाद और अलगाववाद से जूझ रहा है, ऐसे में श्री राधा पार्थसारथी मंदिर लोगों के अंदर उत्साह और उमंग का संचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर 21वीं शताब्दी में भारत को अगर विश्व गुरु बनाना है तो 50 वर्षों तक भारत माता के लिए सब कुछ समर्पित कर दीजिए।
इस मौके पर गोपाल कृष्ण गोस्वामी ने देश के स्कूलों में गीता पढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में गीता का प्रचार-प्रसार होना चाहिए। भारत के हर विश्व विद्यालय में गीता का पाठ्यक्रम रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गीता का आनंद ही दिव्य आनंद है। बाल्यावस्था में आध्यातिक चेतना का विकास किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता का ध्यान दे। आज समाज में अगर किसी चीज की कमी है तो दिव्य ज्ञान की कमी है। इस मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।