सजा काटने के बाद भी जेल में बंद दो कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया

पुरुष बंदी दस और महिला बंदी सात साल की सजा काटकर हुए रिहा। जुर्माने की रकम एक सामाजिक संस्था ने भरी है। जुर्माना न भर पाने के कारण जेल में बंद थे।

By Amit SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Aug 2018 06:57 PM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 12:30 AM (IST)
सजा काटने के बाद भी जेल में बंद दो कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया
सजा काटने के बाद भी जेल में बंद दो कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया

नोएडा (रणजीत मिश्रा)। जिला कारागार में निरुद्ध सजायाफ्ता दो बंदियों को 72वें स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया गया। करीब दस साल बाद जेल की चारदीवारी से बाहर आते ही वह परिजनों को देख भावुक हो गए। कारागार प्रशासन ने दोनों बंदियों की रिहाई के बाद उन्हें स्वतंत्रता दिवस की मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया और समाज में अहम योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

गौतमबुद्ध नगर कारागार प्रशासन ने बताया कि एक सामाजिक संस्था के प्रयास से दोनों बंदियों को जेल से रिहा कराया गया। बंदी मेघू उर्फ विजय पुत्र हरपाल गांव गुज्जरपुर थाना कांधला जिला मुजफ्फरनगर को धारा 366 व 376 के एक मामले में न्यायालय ने दोषी करार देते हुए दस वर्ष की सजा व 12 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया था। कारावास की सजा पूरी करने के बाद वह अर्थदंड देने में अक्षम था।

दूसरी बंदी हिसार के मंडी आदमपुर की रहने वाले काजल को भी एक मामले में सात साल की सजा व सात हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया था। वह जयपुर नारी बंदी कारागृह से सात जून को स्थानांतरित होकर इस कारागार में आई थी। दोनों बंदियों के अर्थदंड की राशि सामाजिक संस्था राष्ट्रीय एकता बोर्ड ने जमा कर दोनों को रिहा कराने में महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभाई।

इसके बाद इंडिया विजन फाउंडेशन के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसके बाद कारागार परिसर में कटहल, नींबू, नीम, आंवला का पौधरोपण किया गया। इस मौके पर कारागार अधीक्षक विपिन मिश्रा, जेलर सत्यप्रकाश, उप जेलर प्रदीप कुमार, प्रशांत उपाध्याय, श्रीचंद शर्मा, सहायक महेंद्र ¨सह समेत सामाजिक संस्था के पदाधिकारी रवि, गगन, जेसिका लाल व साजिद चौधरी मौजूद रहे।

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