ट्रांसजेंडर की याचिका पर HC ने पूछा- आपका अतीत कैसे बदला जा सकता

याचिकाकर्ता ने दिल्ली विश्वविद्लाय के रिकॉर्ड में अपना नाम और लिंग बदलने की मांग की है।

By Edited By: Publish:Mon, 21 May 2018 10:46 PM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 09:43 AM (IST)
ट्रांसजेंडर की याचिका पर HC ने पूछा- आपका अतीत कैसे बदला जा सकता
ट्रांसजेंडर की याचिका पर HC ने पूछा- आपका अतीत कैसे बदला जा सकता

नई दिल्ली (जेएनएन)। एक ट्रांसजेंडर की लिंग बदलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप अपना अतीत कैसे बदल सकते हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि एक ट्रासजेंडर जो वर्ष 2012 में अपने बालिग होने तक पुरुष के रूप में रहा, अब अपनी पहचान स्त्री के रूप में करने की माग कर रहा है। पीठ ने पूछा है कि आखिर नाम और लिंग में बदलाव कैसे किया जा सकता है और आपका अतीत कैसे बदला जा सकता है।

दरअसल याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रिकॉर्ड में अपना नाम और लिंग बदलने की मांग की है। याची ने कहा कि विश्वविद्यालय के नियम कहते हैं कि नाम और लिंग के परिवर्तन के लिए पहले सीबीएसई के रिकॉर्ड में बदलाव करने होंगे।

वहीं, बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार इसके रिकॉर्ड में बदलाव के लिए अनुरोध परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने से पहले ही मान्य होगा। याची के वकील यशराज सिंह देवड़ा ने कहा कि दायर जनहित याचिका के तहत केंद्र के प्रकाशन विभाग के लिए नाम और लिंग के परिवर्तन से पहले यौन पुनर्मूल्याकन सर्जरी की जानी जरूरी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में कहा था कि किसी के लिंग परिवर्तन की घोषणा के लिए यौन पुनर्मूल्याकन सर्जरी पर आग्रह अनैतिक है।

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