जानिए दिल्‍ली के ढोंगी बाबा के चार बड़े राज, पांच राज्‍यों में फैला नेटवर्क

प्रपंची बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की पड़ताल जैसे-जैस सघन हो रही है, वैसे-वैसे उसके राज परत दर परत खुलते जा रहे हैं। आइए जानते हैं बाबा के चार बड़े राज।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Dec 2017 09:36 AM (IST) Updated:Mon, 25 Dec 2017 09:26 AM (IST)
जानिए दिल्‍ली के ढोंगी बाबा के चार बड़े राज, पांच राज्‍यों में फैला नेटवर्क
जानिए दिल्‍ली के ढोंगी बाबा के चार बड़े राज, पांच राज्‍यों में फैला नेटवर्क

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। प्रपंची बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसके साथ ही बाबा के कई चौंकाने वाले राज सामने आ रहे हैं। इस क्रम कई राज और खुले हैं। हम आपको ढोंगी बाबा के चार बड़े राज बताते हैं, जिसे सुनकर और पढ़कर आप भी दंग रह जाएंगे।

1- कम उम्र की लड़कियां पहली पंसद

बाबा की पहली पंसद कम उम्र की लड़कियां होती थी। इसके लिए बाबा तंग परिवार की लड़कियों का चयन करता था। उसके निशाने पर तंग लड़कियां रहती थीं। क्‍यों कि वे उफ नहीं करती थीं। अपने इस प्रयोजन के लिए बाबा का नेटवर्क पूरे देश में फैला रखा था। देशभर में फैले नेटवर्क के जरिए आरोपी कम उम्र की लड़कियों को बहला-फुसला कर आश्रम लाकर उसे बंधक बना लेता था।

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2- जिस परिवार में नहीं होते थे, वो निशाने पर

इसके अलावा जिन परिवारों में कोई पुरुष सदस्य नहीं होता था उनकी लड़कियों को भी वीरेंद्र के आदमी अपना शिकार बना लेते थे। जब तक परिजन असलियत समझ पाते थे लड़कियों को बहुत गहराई तक भ्रमित कर दिया जाता था।

3- बाबा का जादू

इसके बाद ये लड़कियां अपने परिजनों से ही मिलने को राजी नहीं होती थीं। इतना ही नहीं परिजनों की जिद करने पर कई बार वे अपने अभिवावकों पर ही झूठे आरोप लगा देती थीं। इसके चलते पुलिस चाह कर भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाती थी।

4- आश्रम में अंडर ग्राउंड रास्‍ते से बाबा करता था खेल

बाबा का आश्रम एक किले की तरह था। इसमें परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। सुरक्षा के लिहाज से बाबा ने आश्रम में अंडर ग्राउंड रास्‍ता बना रखा था। आश्रम के अंदर आगमन के लिए बाबा इस रास्‍ते का इस्‍तेमाल करता था। मुख्‍य आश्रम को भागों में बांटा गया था। मेन आश्रम में युवतियां रहती थी और एक अन्‍य में पुरुष रहते थे। आश्रम से कोई युवती बाहर नहीं जा सकती थी। इसके लिए बाबा ने बाकयादा आश्रम के अंदर सारे इंतजमा कर रखा था। आश्रम के अंदर ही कपड़ा सिलने के लिए टेलर और धोबी का इंतजाम था।

झुंझुनु के एक युवक की जुबानी

शुक्रवार को इस आश्रम के बाहर अपनी बहन को मुक्त कराने पहुंचे झुंझुनु के एक युवक ने बताया कि उसकी बहन पहले पिलानी के एक योग केंद्र में योगा के लिए जाती थी। वहीं उसे वीरेंद्र देव से जुड़ा शख्स आनंद मिला था। आनंद जयपुर का निवासी बताया जाता है और क्लीनिक चलाता है। यह मामला सामने आने के बाद वह अब भूमिगत हो गया है।

युवक ने बताया कि आनंद ने उसकी बहन को वीरेंद्र देव के आश्रम में रहकर मोक्ष पाने का झांसा दिया था। इसके बाद बहन दिल्ली आ गई।  पीडि़त ने कहा कि यहां उसने देखा कई लोग वीरेंद्र देव के शिकार हुए हैं। एक परिवार गोरखपुर का है जिनकी बेटी को भी इसी तरह झांसे में लेकर यहां लाया गया है।

पांच राज्‍यों में फैला बाबा का नेटवर्क

वीरेंद्र देव के दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में आश्रम हैं। इन आश्रमों में पुरुष कम महिलाएं ज्यादा रहती हैं। इनमें ज्यादातर की उम्र 25 साल से भी कम है। रोहिणी के विजय विहार स्थित आश्रम में भी नाबालिग लड़कियां ही ज्यादा रहती थीं। इनमें 41 लड़कियों को दिल्ली हाईकोर्ट की टीम ने आश्रम से मुक्त कराया था। ऐसी लड़कियां वीरेंद्र देव के फैलाए गए लोगों के झांसे में आकर ही यहां पहुंची थीं।

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