गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों में झलकेगी आजादी की अमृतगाथा, पढ़िए इस बार और क्या रहेगा खास

गणतंत्र दिवस समारोह की परेड इस बार न सिर्फ अद्भुत होगी बल्कि कुछ खास भी होगी। इसमें शामिल होने वाली 21 झांकियों के जरिये जहां आजादी के 75 सालों की अमृतगाथा के साथ ही देश के गौरवशाली इतिहास संस्कृति और सशक्त होते नए भारत की झलक भी देखने को मिलेगी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 11:41 AM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 11:43 AM (IST)
गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों में झलकेगी आजादी की अमृतगाथा, पढ़िए इस बार और क्या  रहेगा खास
इन झांकियों को राजपथ पर लगभग 40 मिनट का समय मिलेगा।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में मनाये जाने वाले गणतंत्र दिवस समारोह की परेड इस बार न सिर्फ अद्भुत होगी, बल्कि कुछ खास भी होगी। इसमें शामिल होने वाली 21 झांकियों के जरिये जहां आजादी के 75 सालों की अमृतगाथा के साथ ही देश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, विकास यात्रा और सशक्त होते नए भारत की झलक भी देखने को मिलेगी।

इसके लिए परेड में शामिल होने वाली सभी झांकियों की थीम स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आजादी का अमृत महोत्सव रखी गई है। इसके माध्यम से 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 12 झांकियां, जबकि अन्य नौ झांकियां विभिन्न मंत्रलय और विभागों की तरफ से बनाई गई हैं। इन झांकियों को राजपथ पर लगभग 40 मिनट का समय मिलेगा।

उत्तराखंड की झांकी संपर्क और धार्मिक तीर्थ स्थलों में प्रगतिशील विकास परियोजनाओं से प्रेरित होगी। झांकी के अग्र भाग में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा दिखाया गया है तो पिछले हिस्से में सबसे आगे डोबरा-चांटी ब्रिज प्रदर्शित है। झांकी के अंतिम भाग में झलक मिलेगी बद्रीनाथ मंदिर की। छत्तीसगढ़ की झांकी गोधन न्याय योजना पर केंद्रित है। पंजाब की झांकी में स्वाधीनता संग्राम में राज्य के योगदान को प्रस्तुत किया गया है।

इस झांकी में शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और लाला लाजपत राय द्वारा किए गए साइमन कमीशन के विरोध तथा शहीद ऊधम सिंह द्वारा जलियांवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद माइकल ओ ड्वायर को लंदन में गोली मारने के दृश्य को चित्रित किया गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की झांकी विकासात्मक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में प्रदेश के बदलते रूप को दर्शाती है।

झांकी में वैष्णो देवी मंदिर भी दिखाई देगा। हरियाणा की झांकी में छोटे राज्य में खेलों की बड़ी उपलब्धियां प्रति¨बबित होंगी। मेघालय की झांकी में राज्य की 50वीं वर्षगांठ और महिला सहकारी समितियों व स्वयं सहायता समूहों का सम्मान नजर आएगा। गुजरात की झांकी आदिवासी क्रांतिवीर, अरुणाचल प्रदेश, की झांकी में एंग्लो अबोर युद्ध, कर्नाटक की झांकी में पारंपरिक हस्तशिल्प एवं महाराष्ट्र की झांकी में राज्य की जैव विविधता देखने को मिलेगी।

यूपी की झांकी में दिखेगी काशी की झलक

उत्तर प्रदेश की झांकी वैसे तो आजादी के 75 साल की उपलब्धियों को बयां करती हुई बनाई गई हैं, लेकिन इसमें खास बात यह है कि झांकी में काशी के विश्वनाथ कारिडोर की झलक और सुंदरता के दर्शन भी अतिथियों को होंगे। इसमें प्रदेश सरकार की एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के जरिये कौशल विकास एवं रोजगार से प्राप्त सफलता को भी दर्शाया गया है। इसके अलावा इस झांकी में घाटों पर पूजा अर्चना करते साधु संत और सूर्य को अध्र्य देने की परंपरा को भी प्रमुखता दी गई है।

मंत्रालय और विभागों की झांकियों की ये होगी खासियत

संस्कृति मंत्रालय की झांकी श्री अरबिंदो के 150 वर्ष, शिक्षा मंत्रालय की झांकी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, डाक विभाग की झांकी महिला सशक्तीकरण, वस्त्र मंत्रलय की झांकी भारतीय वस्त्र विरासत, नागरिक उड्डयन मंत्रलय की झांकी उड़ान-उड़े देश का आम नागरिक, सीआरपीएफ की झांकी शौर्य एवं बलिदान की गाथा, जलशक्ति मंत्रलय की झांकी जल जीवन मिशन बनाए जीवन आसान, विधि एवं न्याय मंत्रालय की झांकी एक मुट्ठी आसमां लोक अदालत, समावेशी न्याय व्यवस्था तथा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडियन नेशनल आर्मी के जवानों को पुष्पांजलि प्रदान करने की थीम पर आधारित है।

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