Delhi Violence : पुलिस जांच में सनसनीखेज खुलासा, दंगे से पहले ताहिर ने खरीदी थी पिस्टल
Delhi Violence आदमी पार्टी (आप) से निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन क्राइम ब्रांच को जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पूछताछ में वह बार-बार रो पड़ता है और खुद को बेकसूर बताता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे के दौरान 25 फरवरी को आइबी के सिपाही अंकित शर्मा की हत्या के आरोपित आम आदमी पार्टी (आप) से निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन क्राइम ब्रांच को जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पूछताछ में वह बार-बार रो पड़ता है और खुद को बेकसूर बताता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले सात फरवरी को ताहिर ने लाइसेंसी पिस्टल दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग में जमा करा दी थी। इसे उसने दंगे से दो दिन पहले 22 फरवरी को निकाला था।
क्राइम ब्रांच की एसआइटी ताहिर से यह पता लगाने की कोशिश कर रही कि क्या उसे दंगे होने के बारे में पहले से पता था और क्या इसीलिए उसने पिस्टल निकाली थी? पुलिस जांच कर रही है कि पिस्टल से दंगे के दौरान गोली चली या नहीं। अगर गोली चलाई गई होगी तो ताहिर की पिस्टल का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।
पांच मार्च को किया था ताहिर को गिरफ्तार
गत पांच मार्च को अग्रिम जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट से खारिज होने के बाद ताहिर राऊज एवेन्यू में समर्पण करने पहुंचा था, तभी क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। 26 फरवरी को हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद उसने दोनों मोबाइल बंद कर दिए थे और परिवार समेत भूमिगत हो गया था। दंगे में ताहिर के साथ उसका भाई भी शामिल था जो घटना के बाद से फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
यह बताया हुसैन ने
ताहिर ने बताया कि 25 फरवरी की शाम उसके घर के सामने दंगे शुरू हुए तब कुछ युवकों ने अंकित शर्मा व दो अन्य हंिदूू युवकों को दबोच लिया था। दोनों युवक उनके चंगुल से खुद को छुड़ाकर भागने में कामयाब हो गए थे लेकिन अंकित को दंगाइयों ने पकड़ लिया था। दंगाइयों ने बेरहमी से उनकी इस तरह पिटाई की कि पांच मिनट के अंदर उसने दम तोड़ दिया था। उसके सारे कपड़े भी फाड़ दिए गए थे। इतना ही नहीं, मौत के बाद दंगाइयों ने उसके शव को जहां-तहां घसीटा भी था। उसके बाद कई लोगों ने मिलकर शव को लोहे की जाली के ऊपर से नाले में फेंक दिया था।
ताहिर के रिश्तेदारों से भी हो रही पूछताछ
क्राइम ब्रांच के अनुसार ताहिर के कई रिश्तेदारों, चालक, घरेलू सहायक व कर्मचारियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सभी के बयान को ताहिर के बयान से मिलान किया जा रहा है।
ताहिर को पुलिस ने सुरक्षित घर से बाहर निकाला था
ताहिर का कहना है कि 24 फरवरी को उसने पुलिस को कई बार फोन कर बताया था कि वह चांद बाग स्थित घर में है और उसकी जान खतरे में है। तब क्राइम ब्रांच के एडिशनल पुलिस कमिश्नर एके सिंगला ने उसके घर जाकर उसे सुरक्षित वहां से निकाल दिया था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उसे उसके घर से पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला था, तभी उसे चांद बाग से चला जाना चाहिए था। लेकिन वह वहीं छिपा रहा और अगले दिन 25 फरवरी की शाम करीब 5.30 बजे उसके सामने दंगाइयों ने अंकित शर्मा की हत्या की। ताहिर के मोबाइल लोकेशन से पता चल रहा है कि ताहिर 24 व 25 फरवरी की रात तक चांद बाग में ही था।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के मामले में दिल्ली पुलिस अब तक 702 एफआइआर दर्ज कर चुकी है। इस मामले में 2387 संदिग्ध हिरासत में लिए जा चुके हैं। इनमें जिनके खिलाफ दंगे के दौरान हत्या करने, आगजनी व अन्य तरह के उपद्रव करने के सुबूत मिल रहे हैं पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती जा रही है। दंगों के दौरान अवैध हथियारों का इस्तेमाल करने के मामले में पुलिस अलग से आर्म्स एक्ट में 49 एफआइआर दर्ज कर चुकी है। लोगों को आपसी भाईचारा बनाकर रहने के लिए पुलिस अब तक अमन कमेटी की 283 बैठकें कर चुकी है।