Saket Court Firing: निलंबन के बावजूद कोर्ट के अंदर कैसे घुसा आरोपित, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

शुक्रवार को साकेत कोर्ट में दिनदहाड़े हुए गोलीकांड ने पुलिस सुरक्षा की पोल खोल दी है। स्थिति यह है कि यदि किसी के वाहन पर कोर्ट का स्टीकर लगा है तो वह आसानी से वकील की वेशभूषा में प्रवेश कर सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 22 Apr 2023 09:33 AM (IST) Updated:Sat, 22 Apr 2023 09:33 AM (IST)
Saket Court Firing: निलंबन के बावजूद कोर्ट के अंदर कैसे घुसा आरोपित, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
Saket Court Firing: निलंबन के बावजूद कोर्ट के अंदर कैसे घुसा आरोपित, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।

नई दिल्ली,शनि पाथौली। दिल्ली साकेत कोर्ट में दिनदहाड़े हुए गोलीकांड ने पुलिस सुरक्षा की पोल खोल दी है। स्थिति यह है कि यदि किसी के वाहन पर कोर्ट का स्टीकर लगा है तो वह आसानी से वकील की वेशभूषा में प्रवेश कर सकता है। स्टीकर देखने के बाद पुलिस उसकी व उसके वाहन की तलाशी लेने की जहमत नहीं उठाती। इसी वजह से आरोपित वकील कामेश्वर सिंह सरेआम कोर्ट परिसर में वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया।

गेट नंबर एक और दो से होता है न्यायाधीशों और वकीलों का प्रवेश

साकेत कोर्ट में चार गेट है। यहां पर गेट नंबर एक और दो से न्यायाधीशों और वकीलों का प्रवेश होता है। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी अमूमन कार से आने वाले वकीलों के वाहन की तलाशी नहीं लेते। यहां पर सिर्फ उन वाहनों को औपचारिकता के तौर पर रोका जाता है, जिन पर कोर्ट का स्टीकर लगा नहीं होता। जिन वाहनों पर स्टीकर लगा होता है, उन्हें नहीं रोका जाता है। आशंका जताई जा रही है कि आरोपित वकील भी कार से ही कोर्ट के अंदर आया था। फैमिली कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्ते से भी वकील कई बार बिना जांच के ही प्रवेश कर जाते हैं। उठे सवाल,

निलंबन के बावजूद कोर्ट के अंदर कैसे घुसा आरोपित

पूरे मामले में एक सवाल और सामने आ रहा है कि काउंसिल से निलंबन के बावजूद आरोपित वकील कोर्ट में कैसे प्रवेश कर गया। आमतौर पर काउंसिल द्वारा निलंबित किए जाने के बाद संबंधित वकील को ड्रेस के साथ कोर्ट में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। इसके बावजूद आरोपित पूरी ड्रेस के साथ कोर्ट परिसर के अंदर घुसा था।

पैदल बाहर जाने के लिए नहीं अलग से रास्ता

जनता के लिए कोर्ट के अंदर प्रवेश करने के लिए गेट नंबर तीन पर व्यवस्था की गई है। यदि कोई वाहन लेकर आता है तो बाहर ही उसकी पार्किंग करवाई जाती है। यहां से ही वकीलों और न्यायाधीशों के वाहनों की निकासी होती है।

इसके अलावा पैदल आने वाले लोगों के बाहर जाने के लिए अलग से किसी गेट की व्यवस्था नहीं है। वह उसी जगह से बाहर जाते हैं, जहां पर सुरक्षाकर्मी अंदर जाने वालों की चेकिंग करते हैं। ऐसे में भीड़ ज्यादा होने पर पर्याप्त तरीके से जांच नहीं हो पाती है। हालांकि, घटना के बाद गेट नंबर तीन के पास निकासी के लिए अलग से एक छोटा गेट बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।

सीसीटीवी में कैद हुई वारदात, गोली चलाता नजर आया आरोपित

साकेत कोर्ट में वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित वकील कामेश्वर कुमार सिंह ने पहले तो पीड़ित महिला राधा को थप्पड़ जड़े। जब महिला ने विरोध किया तो आरोपित ने उसे एक के बाद एक तीन गोली मार दी। गोलियों के गूंज सुनकर कोर्ट परिसर में अफरातफरी मच गई।

हैरत की बात यह है कि आरोपित सरेआम हाथ में हथियार लेकर महिला को दौड़ाता रहा, लेकिन किसी ने भी उसे बचाने की जहमत नहीं उठाई। पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। वारदात के तुरंत बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इसमें आरोपित गोली चलाते हुए महिला के पीछे दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। पुलिस फुटेज को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करेगी।

रोज होती है एक लाख से ज्यादा लोगों की आवाजाही

साकेत कोर्ट में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा लोगों की आवाजाही होती है। प्रतिदिन एक कोर्ट में तीन-चार मामलों की सुनवाई होती है। जबकि चेकिंग के लिए गेट पर दो-तीन पुलिसकर्मी व चार-पांच निजी सुरक्षाकर्मी होते हैं।

जांच के लिए रोकने पर वकील भी दिखाते हैं धौंस

एक और पहलू है यह है जब सुरक्षाकर्मी वकीलों व उनके वाहनों की जांच करने के लिए आते हैं तो उन्हें वकील धौंस दिखाते हैं। ऐसे में सुरक्षाकर्मी जांच करने में हिचकते हैं।

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