बेरोजगार कामगारों को रोजगार दिलाने का जिम्मा उठाएगा संघ, पीएम के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी मजबूती

बेरोजगार लोगों केा कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिए हुनरमंद भी बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें स्वरोजगार के लिए हर तरह की मदद की जाएगी। यह अभियान संघ जल्‍द शुरू करेगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 10:56 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 10:56 PM (IST)
बेरोजगार कामगारों को रोजगार दिलाने का जिम्मा उठाएगा संघ, पीएम के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी मजबूती
बेरोजगार कामगारों को रोजगार दिलाने का जिम्मा उठाएगा संघ, पीएम के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी मजबूती

नई दिल्‍ली [नेमिष हेमंत]। लॉकडाउन में करोड़ों जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ मदद के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेरोजगार कामगारों को रोजगार दिलाने का जिम्मा भी उठाएगा। इसके लिए उसके द्वारा वृहद स्तर पर कार्ययोजना बनाई गई है। खास बात कि इसके तहत उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिए हुनरमंद भी बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें स्वरोजगार के लिए हर तरह की मदद की जाएगी। संघ के इस अभियान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल व आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी।

वेबसाइट और हेल्‍पलाइन नंबर होंगे जारी

इसके लिए जल्द वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। वैसे, परीक्षण के लिए बीटा वर्जन में वेबसाइट को जारी कर दिया गया है। इसे 10 दिनों के भीतर पूरी तरह से लांच कर दिया जाएगा। इस अभियान के पायलट प्रोजक्ट के तौर पर दिल्ली-एनसीआर के खाद्य, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स समेत अन्य उत्पादों के व सेवा कंपनियों के साथ अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। कुछ कंपनियों की इकाईयां उत्तराखंड में स्थित है। जहां प्रशिक्षण के साथ कामगारों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए अभी ही संघ ने 3000 से अधिक नौकरियां जुटा लिए हैं।

शारीरीक दूरी के नियम का पालन करते हुए होगा काम

इसके इतर कोरोना महामारी में शारीरिक दूरी के नियम को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कौशल विकास की व्यवस्था होगी। लॉकडाउन व कोरोना ने काफी लोगों का रोजगार छीना है। काफी संख्या में कामगार अपने घरों को भी लौट गए हैं, जहां रोजगार की व्यवस्था सीमित है।

कई क्षेत्र में फिलहाल रोजगार की संभावना नहीं

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक होटल, पर्यटन, मल्टीप्लेक्स व मनोरंजन समेत कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां निकट भविष्य में भी रोजगार की संभावना नहीं है। ऐसे में यहां रोजगार से गंवाने वाले कामगारों को दूसरी विधा में पारंगत कर रोजगार से जोड़ने की तैयारी है। जैसे, हॉस्पिटालिटी सेक्टर से जुड़े रहे लोगों को हॉस्पिटल से जोड़ा जा सकता है। इसी तरह इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल, हस्तकला व कालीन, फर्नीचर उद्योग, आइटी क्षेत्र, घर सजाने का सामान व परिधान, बैंकिंग, खाद्य प्रसंस्करण समेत 40 से अधिक ऐसे क्षेत्र चुने गए हैं, जहां प्रशिक्षण के साथ नौकरी की व्यवस्था हो सकेगी। इसके लिए करीब 20 कंपनियों से बात भी हो चुकी है, जिनके नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली व उत्तराखंड में यूनिट्स हैं। इसके साथ ही नोएडा के कई नामी अस्पताल भी प्रशिक्षण दिलाने के लिए रजामंद है। यहां मरीजों की देखभाल का प्रशिक्षण मिलेगा।

लोन की भी मिलेगी सुविधा

संघ पदाधिकारी के मुताबिक कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में उनकी बड़ी कोशिश कामगारों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने की होगी। मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन व प्लंबर जैसे कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां कामगार खुद का काम कर सकते हैं। इस दिशा में उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए ऋण भी उपलब्ध कराने में मदद की जाएगी।

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