भीषण गर्मी और लू से बचने को प्रमुख स्थानों पर पेयजल और ओआरएस केंद्र बनाने की सिफारिश

Heat Protection दिल्ली एनसीआर सहित देश भर में पड़ रही रिकार्डतोड़ गर्मी और चल रही भीषण लू के बीच दिल्ली स्थित शोध संस्थान इंटीग्रेटिड रिसर्च एंड एक्शन फार डेवलपमेंट (इराडे) ने समर एक्शन प्लान- 2022 तैयार किया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 01 May 2022 09:00 PM (IST) Updated:Sun, 01 May 2022 09:07 PM (IST)
भीषण गर्मी और लू से बचने को प्रमुख स्थानों पर पेयजल और ओआरएस केंद्र बनाने की सिफारिश
भीषण गर्मी और लू से बचने को प्रमुख स्थानों पर पेयजल और ओआरएस केंद्र बनाने की सिफारिश

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली एनसीआर सहित देश भर में पड़ रही रिकार्डतोड़ गर्मी और चल रही भीषण लू के बीच दिल्ली स्थित शोध संस्थान 'इंटीग्रेटिड रिसर्च एंड एक्शन फार डेवलपमेंट (इराडे)' ने समर एक्शन प्लान- 2022 तैयार किया है। इस प्लान में जन जागरूकता, अलर्ट सिस्टम, स्वास्थ्य सुविधाओं, रेलवे स्टेशनों, बस अडडों, इमरजेंसी सेवाओं, स्कूलों और श्रमिकों पर फोकस किया गया है। इसमें बताया गया है कि क्या-क्या कदम उठाने से जानमाल की हानि को कम किया जा सकता है। खास बात यह कि विश्व मौसम संगठन ने भी इराडे के इस प्लान को मान्यता दे दी है।

समर एक्शन प्लान के प्रमुख बिंदु

जागरूकता अभियान

1. विभिन्न स्थानों पर एलईडी टीवी और होर्डिंग द्वारा, पर्चे वितरित कर लोगों को भीषध गर्मी के दुष्प्रभाव और बचने के उपाय बताएं।

2. यातायात पुलिस, फेरीवाले, रेहड़ी-पटरी वाले, निर्माण श्रमिकों एवं कामगार महिलाओं के लिए कार्यशालाएं हों।

3. जागरूकता अभियान गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों पर केंद्रित होना चाहिए।

गर्मी के शमन के उपाय:-

1. बगीचे, कूलिंग शेल्टर और अन्य संभावित कूलिंग सेंटरों को पानी और वेंटिलेशन की उपलब्धता के साथ खुला रखना।

2. खुले निर्माण स्थलों पर पानी और शेड की उपलब्धता।

3. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर छत काे ठंडा रखने के लिए सफेद रंग से पेंटिंग, मलिन बस्तियों में टिन की छतों पर डालने के लिए बोरियों का वितरण।

4. निर्माण स्थलों, बस स्टैंडों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वाटर प्वाइंट और ओआरएस का प्रविधान।

5. मलिन बस्तियों में आरेंज / रेड अलर्ट के दिनों में प्राथमिकता के आधार पर पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जाएं।

पूर्व चेतावनी :-

1. नागरिकों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक कल्याण समूहों, निर्माण ठेकेदारों और स्कूल अधिकारियों को पूर्व चेतावनी के लिए एसएमएस और व्हाट्सएप संदेश।

2. आरेंज और रेड अलर्ट दिनों के दौरान रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों और वेबसाइटों के जरिए जागरूकता अभियान।

चिकित्सा तैयारी

1. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मोहल्ला क्लीनिकों पर हेल्पलाइन शुरू की जाए।

2. हाटस्पाट पर रेड अलर्ट के दिन चिकित्सा शिविर का आयोजन।

रेलवे 

1. रेलवे स्टेशनों पर कूलर/एसी प्रतीक्षालय की व्यवस्था।

2. पंखे और ठंडे पानी का उचित प्रबंध।

3. ओआरएस और कूल पैक री-हाइड्रेशन के साथ-साथ शाक मैनेजमेंट ट्रीटमेंट।

4. रेलवे स्टेशनों पर मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता।

बस परिवहन

1. बस टर्मिनलों और बसों पर गर्मी तनाव प्रबंधन के लिए ओआरएस, प्राथमिक चिकित्सा किट और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

2. बस डिस्प्ले स्क्रीन पर तापमान और शमन उपायों की जानकारी।

स्वास्थ्य विभाग

1. कमजोर समुदायों की आसान पहुंच के लिए आइस पैक डिस्पेंसर की स्थापना।

2. स्थानीय अस्पतालों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्मी केंद्रित जांच प्रक्रिया अपनाना।

3. नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिक्स, फील्ड स्टाफ और लाइन वर्कर्स सहित स्थानीय अस्पतालों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों (यूएचसी) में चिकित्सा कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।

4. गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्र, 108 आपातकालीन केंद्र, एम्बुलेंस और अस्पतालों में पूरी व्यवस्था।

श्रम एवं रोजगार विभाग 

1. उच्च जोखिम वाले बाहरी कामगारों की पहचान करें और आउटरीच में ध्यान केंद्रित करने का प्रविधान करें।

2. अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों पर नियोक्ताओं, बाहरी मजदूरों और श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करना।

स्कूल 

1. जोखिम से बचने और खुद को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखने के लिए स्कूलों में बच्चों से संबंधित शिक्षाप्रद और निवारक प्रशिक्षण प्रदान करें।

2. गर्मी में तनाव प्रबंधन के लिए ओआरएस, प्राथमिक चिकित्सा किट और ठंडा पानी।

3. स्कूलों को गर्मी से सुरक्षा के लिए संसाधनों से लैस करना।

4. स्कूल प्रशासन को गर्मी से बचाने के लिए प्रशिक्षण और सामग्री देने के लिए 'टीच द टीचर्स' वर्कशॉप का आयोजन।

5. स्कूल परिवहन में ठंडे पानी और ओआरएस घोल की व्यवस्था।

उप निदेशक रोहित मगोत्रा ने कहा कि भीषण गर्मी और लू के दुष्प्रभाव से होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए समर एक्शन प्लान के सभी प्रविधानों को अमल में लाना वक्त की नजाकत है। इस पर गंभीरता से काम होना चाहिए। प्लान की प्रति दिल्ली सरकार को भी भेज दी गई है।

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