हॉलीवुड में बॉलीवुड अभिनेत्रियों के लिए खुले द्वार, अवसरों को पहचानना सीखना होगा: प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा ने युवाओं से कहा कि अवसरों को पहचानना सीखना होगा। अवसर आपके दरवाजे नहीं आते हैं।

By Amit MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Aug 2018 09:55 PM (IST) Updated:Tue, 07 Aug 2018 09:35 AM (IST)
हॉलीवुड में बॉलीवुड अभिनेत्रियों के लिए खुले द्वार, अवसरों को पहचानना सीखना होगा: प्रियंका चोपड़ा
हॉलीवुड में बॉलीवुड अभिनेत्रियों के लिए खुले द्वार, अवसरों को पहचानना सीखना होगा: प्रियंका चोपड़ा

नई दिल्ली [जेएनएन]। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुकी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा सोमवार को फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) द्वारा होटल ताज पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में शरीक हुईं। प्रियंका ने यहां बेबाकी से फिल्मी करियर के संघर्ष एवं चुनौतियों पर बातचीत की।

भारतीय अभिनेत्रियों के लिए खोला द्वार

प्रियंका ने उम्मीद जताई कि भारतीय अभिनेत्रियों के हॉलीवुड में मुख्य किरदार के अभिनय के लिए उन्होंने रास्ता खोला है। प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि क्वांटिको शो खत्म होने के बाद वो किरदार एलेक्स पैरिश को पीछे छोड़ अब नई शुरुआत कर रही है। उन्होंने कहा कि हां, एलेक्स मेरी जिंदगी में कई अहम बदलाव की साक्षी बनी, लेकिन इससे कहीं ज्यादा मुझे इस बात की संतुष्टि है कि मैंने भारतीय अभिनेत्रियों के लिए हॉलीवुड में मुख्य किरदारों के अभिनय का द्वार खोला है।

हॉलीवुड में कई बेहतरीन फिल्में मिली हैं

प्रियंका चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नए रास्ते तलाशने विषय पर आयोजित परिचर्चा में अपने फिल्मी करियर पर बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि हॉलीवुड में कई बेहतरीन फिल्में मिली हैं। वे काउबॉय निंजा वाइकिंग में क्रिस पैरट के साथ दिखेंगी। इसके अलावा ए किड लाइक जेक, इजन्ट इट रोमांटिक, बेवाच में भी दिखेंगी।

थोड़ी घबराई हुई थी

प्रियंका चोपड़ा ने युवाओं से कहा कि अवसरों को पहचानना सीखना होगा। अवसर आपके दरवाजे नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि जब हॉलीवुड में प्रस्ताव मिला एवं ऑडिशन हुआ तो मैं थोड़ी घबराई हुई थी। लेकिन, फिर मेरे दिल में खयाल आया कि जब भारत में लोग मेरे अभिनय को पसंद कर सकते हैं तो यहां क्यों नहीं।

अंग्रेजी का सही उच्चारण भी सीखा

प्रियंका ने कहा कि अमेरिका को समझने के क्रम में यहां की कला, संस्कृति समेत अंग्रेजी का सही उच्चारण भी सीखा। उन्होंने कहा कि काउंटर टेररिज्म स्कवायड का शुद्ध उच्चारण सीखने में तीन दिन लगे थे। इस परिचर्चा में एफएलओ की अध्यक्ष पिंकी रेड्डी और वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी शामिल हुए। 

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