DUSU चुनाव 2018: छात्रों ने प्रत्याशियों के सामने रखे मुद्दे, सफाई सहित कई मसलों पर हुई चर्चा

लगभग 100 से अधिक छात्रों ने सभी 10 प्रतिभागियों की समीक्षा करते हुए उनको अपने अनुभव और समस्याओं से अवगत कराया।

By Edited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 07:29 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 07:53 PM (IST)
DUSU चुनाव 2018: छात्रों ने प्रत्याशियों के सामने रखे मुद्दे, सफाई सहित कई मसलों पर हुई चर्चा
DUSU चुनाव 2018: छात्रों ने प्रत्याशियों के सामने रखे मुद्दे, सफाई सहित कई मसलों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी कॉलेज में दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव की सरगर्मी तेज होने के साथ ही केंद्रीय सभासद के पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इसी के तहत कॉलेज में एक मंच पर सभी प्रत्याशियों को बुलाया गया और उनके चुनावी मुद्दे सुने गए।

मंच पर प्रत्याशियों ने उपस्थित होकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश गिरि, शिक्षक गण एवं छात्र-छात्राओं के सम्मुख खुलकर बात की और उन्हें वोट क्यों दिया जाए इस पर चर्चा की। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अलावा सभी छात्रों को भी अपने विचार रखने का अवसर दिया गया। इसका लाभ उठाते हुए लगभग 100 से अधिक छात्रों ने सभी 10 प्रतिभागियों की समीक्षा करते हुए उनको अपने अनुभव और समस्याओं से अवगत कराया।

छात्रों ने पूछे सवाल

छात्रों ने कहा कि केंद्रीय सभासद चुनाव की आवश्यकता क्या है? क्यों न दसों प्रतिभागी एक टीम बनाकर छात्र हित में काम करें। अन्य मुद्दों में सफाई को केंद्र में रखकर यह सवाल उठाया गया कि क्यों न हम कागज का प्रयोग त्याग कर साफ-सुथरा, शोर-शराबे के बगैर अनुशासन में रह कर चुनाव लड़ें। छात्रों ने यह भी पूछा कि चयनित होने के बाद आप अपने वायदों पर किस प्रकार खरे उतरेंगे। जेंडर के मुद्दे पर समानता की वकालत करते हुए छात्रों ने समान संवेदना जताते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं के साथ ही पुरुषों की सुरक्षा का भी हमें ध्यान रखना चाहिए।

समान अधिकार का मामला

कई छात्रों ने यह बात प्राचार्य डॉ. राजेश गिरि के सामने उठाई कि प्रत्याशियों का चयन मात्र अकादमिक आधार पर क्यों नहीं किया जाता? इसका जवाब देते हुए प्राचार्य ने चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित नियमों का हवाला देते हुए इसके जनतांत्रिक आयाम पर बल दिया और बताया कि यह सबके समान अधिकार का मामला है।

इस दौरान पुस्तकालय, साफ-सफाई, कैंटीन व अन्य आधारभूत मुद्दों पर जमकर बहस हुई और छात्रों ने अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा। छात्रों ने इस बात पर भी जोर दिया कि छात्राओं को बेहतर सुरक्षा, साधन व सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।

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